CM नीतीश कुमार पर उपेन्द्र कुशवाहा का बड़ा हमला.
उपेंद्र कुशवाहा ने JDU नेताओं से ट्वीट कर कहा. 'न समझोगे तो मिट जाओगे ए मेरे मित्रों.
सिटी पोस्ट लाइव : उपेन्द्र कुशवाहा के जेडीयू से इस्तीफे के बाद खाली हुई बिहार विधान परिषद की एक सीट पर किसी कुशवाहा की जगह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बेहद करीबी माने जाने वाले चिकित्सक व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे डॉ. राजवर्धन आजाद को एमएलसी के लिए मनोनीत कर दिया है. डॉ. राजवर्धन ब्राह्मण जाति से आते हैं. नीतीश कुमार द्वारा डॉ. राजवर्धन को एमएलसी मनोनीत किए जाने के बाद से JDU यू के अंदर कुशवाहा नेताओं के बीच हलचल तेज हो गई है. उपेन्द्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जो पोस्ट लिखा उसने बिहार कि राजनीति गर्मा दी है. दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने अपने पोस्ट में खुलकर जदयू के कुशवाहा जाति के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर निशाना साधा है. साथ ही उपेंद्र खुशवाहा ने जदयू में कुशवाहा नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है.
उपेन्द्र कुशवाहा ने X पर पोस्ट लिखा है- बिहार विधान परिषद की सदस्यता से मेरे इस्तीफा के कारण रिक्त पद पर नये मनोनयन के बाद संभवतः जदयू के मेरे उन मित्रों का भ्रम टूट ही गया होगा जिनको ग़लत फहमी हो रही थी कि उपेंद्र कुशवाहा के कारण उनकी हकमारी हो गई या हो रही थी.
अब क्या हुआ ? अब तो उपेंद्र कुशवाहा आपके रास्ते में बाधक नहीं था। फिर कहां अटक गया ? आप तो हाथ पसारे रह गये…अरे भाई, अब तो पूरी भैंसिए (जदयू) गईल पानी (राजद) में। किनारे बैठ कर पानी छप-छपाते रहिए. आपकी मर्जी। यदि आपकी आंखें अभी भी नहीं खुल रही है तो भगवान भला करें.“न समझोगे तो मिट जाओगे, ऐ मेरे मित्रों-।तेरी दास्तां तक न होगी दास्तानों में ।।”
सूत्रों के अनुसार JDU के कुशवाहा समाज के नेताओं और कार्यकर्ताओं में इस बात का अंदर ही अंदर आक्रोश है कि जब उपेन्द्र कुशवाह के इस्तीफे के बाद वो सीट किसी कुशवाह नेता को मिलनी चाहिए थी, लेकिन क्यों नहीं मिली. कुशवाहा नेताओं के बीच नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि अगर कुशवाह नहीं तो किसी अति पिछड़ा समाज को दिया जाता. इस बारे में कोई कुशवाहा नेता खुल कर तो नहीं बोल रहे हैं, लेकिन अंदर ही अंदर काफी नाराजगी बताई जा रही है.
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