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मोतिहारी: बिहार की सरकार ने बच्चे के जन्म से लेकर मृत्यु तक कई योजनाएं बनाई हैं, जिनका उद्देश्य लोगों को सहायता प्रदान करना है। हालांकि, इन योजनाओं का कुछ लोग तो लाभ उठाते हैं, लेकिन कई लोग प्रशासनिक लापरवाही के वज़ह से लाभ नहीं उठा पाते है। मोतिहारी की बात करें तो यहां तकरीबन 15 साल पहले, नीतीश कुमार के पहले कार्यकाल के दौरान, जल संसाधन विभाग ने शहर के कुआंरी देवी चौक के पास एक शव दाह गृह का निर्माण किया था। यह शव दाह गृह उन लोगों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए था, जिन्हें मृत्यु के बाद उचित जगह पर दाह संस्कार के लिए जमीन नहीं मिलती थी।
हालांकि, शव दाह गृह के केयर टेकर रामेश यादव ने कहा कि लाखों रुपये की लागत से बने इस शव दाह गृह का निर्माण तो हुआ, लेकिन यह आज तक चालू नहीं हो सका। इसकी वजह विभागीय लापरवाही रही है, और आज तक इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। नगर प्रशासन ने इस शव दाह गृह की देखरेख के लिए एक केयर टेकर की नियुक्ति भी की थी, लेकिन उसे अब तक एक रुपया भी पारिश्रमिक नहीं मिला है।
रामेश यादव कहते हैं, “मैंने कई बार नगर निगम से अनुरोध किया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। यह काम मेरी जिम्मेदारी थी, लेकिन मुझे आज तक कोई भुगतान नहीं हुआ। मुझे उम्मीद थी कि कम से कम मेरी मेहनत की कद्र की जाती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
वहीं नगर आयुक्त सौरभ सुमन यादव ने जब इस मामले की जानकारी प्राप्त की, तो उन्होंने कहा कि इस मामले पर संज्ञान लिया जाएगा और शव दाह गृह को जल्द ही चालू कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन अब इस पर पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करेगा ताकि इस समस्या का समाधान हो सके।