KK Pathak
सिटी पोस्ट लाइव :IAS अधिकारी केके पाठक राजस्व पर्षद का पदभार संभालते ही सुपर एक्शन में नजर आ रहे हैं.केके पाठक ने एक के बाद एक 6 घंटे के अंदर ही 36 आदेश जारी कर दिए. ईन सारे आदेशों के लागू होने से बेतिया राज की तस्वीर बदल जाएगी. बिहार विधानमंडल से प्रस्ताव पारित होने के बाद राज की करीब 15 हजार 358 एकड़ जमीन अब राजस्व पर्षद के अधीन आ गई है. अब जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने वालों की खैर नहीं. अतिक्रमण पर बुलडोजर एक्शन होगा.
बेतिया राज का साम्राज्य बिहार – यूपी के 14 जिलों में फैली है. बिहार में बेतिया राज की अधिकांश जमीन पश्चिम चंपारण और पूर्वी चम्पारण में है. इसके अलावा सारण, सिवान, गोपालगंज और पटना में भी बेतिया राज की जमीन है. करीब 143 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश में है. बेतिया राज की सिर्फ जमीन की कीमत लगभग 8000 करोड़ रुपए आंकी गई है. बेतिया पहुंचे के के पाठक एक के बाद एक आदेश जारी कर बेतिया राज के पुराने दिन लौटने की मुहिम शुरू कर दी है.
110 एकड़ में फैले हजारी पशु मेला के साथ अतिक्रमण वाली जमीनों को खाली करने का आदेश दिया है. इस जमीन का उपयोग मेडिकल इंडस्ट्री सहित दूसरे काम के लिए किया जा सकता है. बेतिया राज की जमीनों को तीन श्रेणी में बांटने का के के पाठक ने आदेश दिया है. पहली श्रेणी 50 एकड़ से ज्यादा रकबा वाले प्लॉटों का होगा. दूसरी श्रेणी में 20 एकड़ से ज्यादा रकबा वाली जमीन आएगी और तीसरी श्रेणी में वैसी जमीन होगी जिनका रकबा कम होगा.रानी निवास का कायाकल्प करने का निर्देश दिया है. केके पाठक अपने साथ आर्किटेक्ट और पर्यटन विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर पहुंचे थे. अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज भवन के मौलिक स्वरूप को संरक्षित रखते हुए विकास की योजना तैयार करें. उन्होंने कहा कि जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य के दौरान परिसर में मौजूद हरे पेड़ नहीं काटे जाने चाहिए. पश्चिम चंपारण में बेतिया राज की 9759 एकड़ जमीन है. इसमें से 6505 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है.
बेतिया राज की करीब 21 हजार एकड़ की प्रॉपर्टी हैं. बेतिया राज की जमीनों को प्रदेश के विकास के लिए उद्योग और मेडिकल हब सहित कई निर्माण की योजना है. बिहार के साथ भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों के निर्माण के लिए भी बेतिया राज की जमीनें उपलब्ध कराई जाएगी.