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बोकारो । केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार और मंगलवार को बोकारो स्टील प्लांट का दौरा किया, जहां उन्होंने उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी विस्तार योजना का अनावरण किया। 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, ब्राउनफील्ड विस्तार का लक्ष्य हॉट मेटल उत्पादन को मौजूदा 5.25 एम टी पी ए से बढ़ाकर 7.55 एम टी पी ए करना है, जिससे स्टील सेक्टर में भारत के आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने की गति को मजबूती मिलेगी।
बोकारो स्टील प्लांट, जिसने 1965 में अपनी नींव रखी और 1972 में अपना पहला ब्लास्ट फर्नेस संचालन शुरू किया, की शुरूआत में क्षमता 1.7 एम टी पी ए थी। इन वर्षों में, यह बढ़कर 5.25 एम टी पी ए हो गई है और मंत्री ने कहा कि “प्लांट अब एक नए 4500 क्यूबिक मीटर ब्लास्ट फर्नेस, एक थिन स्लैब कास्टिंग और डायरेक्ट रोलिंग सुविधा, एक कैल्सिनिंग प्लांट, एक स्टैम्प-चार्ज कोक ओवन बैटरी और एक सिंटर प्लांट विस्तार के साथ बड़े पैमाने पर ओवरहाल के लिए तैयार है। परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, कुमारस्वामी ने कहा, “यह विस्तार इस्पात उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 300 एमटीपीए इस्पात उद्योग के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
पूंजी और तकनीकी प्रगति के निवेश से इस्पात क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। विस्तार के मूल में रोजगार सृजन और डीकाबोर्नाइजेशन उत्पादन बढ़ाने के अलावा, विस्तार योजना से 2,500 स्थायी नौकरियां और 10,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी, जिससे क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। कुमारस्वामी ने डीकाबोर्नाइजेशन प्रयासों पर भी जोर दिया और कहा कि बोकारो स्टील प्लांट 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को 2.67 टन प्रति टन कच्चे इस्पात से घटाकर 2.2 टन से कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
संयंत्र अपनी नवीकरणीय ऊर्जा पहलों को आगे बढ़ा रहा है, जिसमें शामिल हैं: 30 मेगावाट फ्लोटिंग सौर ऊर्जा उत्पादन 20 मेगावाट भूमि-आधारित सौर ऊर्जा पीपीए के माध्यम से से प्राप्त 100 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा कुमारस्वामी ने कहा, ये कदम ऊर्जा खपत को अनुकूलित करते हुए क्षमता उपयोग को अधिकतम करने पर हमारे फोकस को दशार्ते हैं, जिससे भारत के इस्पात उद्योग के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित होता है।