ISRO ने इतिहास रचते हुए SpadeX मिशन को सफलतापूर्वक किया लॉन्च

Manisha Kumari

सिटी पोस्ट लाइव

दिल्ली: सोमवार को ISRO ने फिर से इतिहास रचते हुए श्रीहरिकोटा से रात 10 बजे PSLV रॉकेट के जरिए अपना महत्वाकांक्षी SpadeX स्पेस डॉकिंग मिशन लॉन्च किया। ISRO के अनुसार, यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक अहम मील का पत्थर साबित होगा। इस मिशन की सफलता के बाद भारत अंतरिक्ष में मानव भेजने और अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाएगा। चंद्रमा पर मानव भेजने या मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्री भेजने की दिशा में यह मिशन पहला कदम साबित होगा।

SpadeX मिशन के अंतर्गत, पृथ्वी की कक्षा में दो छोटे अंतरिक्ष यान (SDX 01 और SDX 02) को जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य डॉकिंग और अनडॉकिंग प्रक्रियाओं का परीक्षण करना है। यदि भारत इस मिशन में सफल हो जाता है, तो वह दुनिया का चौथा देश होगा, जो अंतरिक्ष में यांत्रिक डॉकिंग करने में सफल होगा।

भारत की अंतरिक्ष में बढ़ती ताकत

ISRO ने बताया कि यह मिशन भारत की स्पेस डॉकिंग क्षमता को साबित करने में महत्वपूर्ण है। इसके परिणामस्वरूप भविष्य में मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन और उपग्रह सेवा मिशनों को भेजने में मदद मिलेगी। रॉकेट की उड़ान से पहले रविवार रात 9 बजे उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। यह एक किफायती प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है, जो भारत को अब चीन, रूस और अमेरिका जैसे देशों की सूची में शामिल कर देगा। यह मिशन श्रीहरिकोटा स्थित ISRO के स्पेसपोर्ट के पहले लॉन्च पैड से प्रक्षिप्त किया गया, जिसमें SpadeX के साथ दो प्राथमिक और 24 सेकेंडरी पेलोड शामिल थे।

स्पेस डॉकिंग तकनीक

स्पेस डॉकिंग तकनीक का मतलब है अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ने की तकनीक। इस तकनीक से मानव को एक यान से दूसरे यान में भेजा जा सकता है। भारत के लिए यह तकनीक अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके सफल होने के बाद भारत चंद्रमा पर मानव भेजने, वहां से नमूने लाने और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करने में सक्षम होगा। इसके अलावा, डॉकिंग तकनीक का इस्तेमाल भविष्य में अन्य मिशनों के लिए भी किया जाएगा, जिनमें एक से अधिक रॉकेट लॉन्च की योजना होगी।

ISRO के अनुसार, PSLV रॉकेट में दो अंतरिक्ष यान (स्पेसक्राफ्ट ए – SDX 01 और स्पेसक्राफ्ट बी – SDX 02) को एक ऐसी कक्षा में रखा जाएगा जो उन्हें एक दूसरे से पांच किलोमीटर दूर रखेगी। इसके बाद, वैज्ञानिक इन्हें 3 मीटर तक करीब लाने का प्रयास करेंगे, और फिर दोनों यान पृथ्वी से लगभग 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर मिल जाएंगे। ISRO के अधिकारियों ने बताया कि यह प्रक्रिया प्रक्षेपण के 10 से 14 दिन बाद होने की संभावना है।

स्पेडेक्स मिशन में स्पेसक्राफ्ट ए में हाई रेजोल्यूशन कैमरा और स्पेसक्राफ्ट बी में मिनिएचर मल्टीस्पेक्ट्रल पेलोड और रेडिएशन मॉनिटर पेलोड शामिल हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें, प्राकृतिक संसाधन निगरानी और वनस्पति अध्ययन जैसी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।

Share This Article