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ड्रोन उड़ानेवाले सावधान! बन गया है कड़ा कानून.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में ड्रोन उड़ानेवाले सावधान! राज्य सरकार ने ड्रोन उड़ाने को लेकर  नियम-कानून सख्त कर दिया है. उड़ान के नियमों में रेड, येलो और ग्रीन जोन भी निर्धारित किए गए हैं. यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

 250 ग्राम से अधिक वजन वाले ड्रोन को उड़ाने के लिए लाइसेंस जरूरी होगा. इसका परिचालन लाइसेंस प्राप्त रिमोट पायलट ही कर सकेंगे. किसी भी जगह 400 फीट से ऊपर ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति जरूरी होगी.गृह विभाग की विशेष शाखा ने इस संदर्भ में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं. ड्रोन के संचालन पर नजर रखने के लिए सभी जिलों में डीएम की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति का गठन भी किया गया है. जिले के एसएसपी या एसपी समिति के सदस्य बनाए गए हैं.

 ड्रोन के संचालन, प्रबंधन एवं नियमन के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के द्वारा ऑनलाइन डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म बनाया गया है. सभी तरह के ड्रोन और संचालकों को यहां पंजीकरण करवाना जरूरी है.पंजीकरण के बाद आवेदक को एक विशिष्ट पहचान संख्या आवंटित की जाएगी, जिसके आधार पर ड्रोन उड़ाया जा सकेगा. ड्रोन लाइसेंस के लिए भी डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर आवेदन करना होगा, जिसकी वैधता 10 साल होगी.

  • अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर 25 किमी का क्षेत्र,हवाई अड्डे की सीमा से 5 किमी परिधि का क्षेत्र,राज्य के सचिवालय या निदेशालय परिसर से तीन किमी परिधि का क्षेत्र,तेल रिफाइनरी, थर्मल पावर स्टेशन सरकारी संस्थान के दो किमी की परिधि, ये सभी येलो जोन के अंतर्गत आयेगें और यहाँ ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेनी होगी.हवाई अड्डे की परिधि से 5 से 8 किमी के बीच का जमीनी क्षेत्र,हवाई अड्डे की परिधि से आठ से 12 किमी का 200 फीट तक हवाई क्षेत्र येलो जोन के अंतर्गत आयेगें.यहां ड्रोन उड़ाने के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल से लेनी होगी.ग्रीन क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाया जा सकता है. इसके अंतर्गत 400 फीट ऊंचाई के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि, 400 फीट से ऊपर ग्रीन जोन को येलो जोन माना जाएगा, जिसके लिए अनुमति लेनी होगी.

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