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विश्वविद्यालयों में व्याप्त वित्तीय संकट का समाधान.

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा- राज्य के विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता सरकार की प्राथमिकता.

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  1. सिटी पोस्ट लाइव :बिहार  के विश्वविद्यालयों में व्याप्त वित्तीय संकट और तमाम गतिरोध का समाधान हो गया है. बुधवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में राजभवन में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में स्वयं शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ शामिल हुए और कुलपतियों से सीधा संवाद किया.इसके बाद शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के पीएल खाते समेत सभी बैंक एकाउंट पर लगाए गए रोक संबंधी आदेश को वापस लेने और स्थगित वेतन भुगतान को चालू करने का निर्देश जारी किया.

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कुलपतियों को भरोसा देते हुए कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बरकरार करना उनकी  प्राथमिकता में है, उन्हें अपने दायित्वों का सही निवर्हन करते रहना चाहिए. उनकी जरूरतें पूरी की जाएंगी और इसके लिए समुचित राशि जल्द उपलब्ध करायी जाएगी. राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कुलपतियों को आदेश देते हुए कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिए एकेडमिक रोडमैप तैयार कर उस पर कार्य शुरू करें. हर विश्वविद्यालय को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाएं. सभी विश्वविद्यालयों में एकेडमिक और रिसर्च के लिए डीन की नियुक्ति करें.

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के विकास हेतु शिक्षा केन्द्र के रूप में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है. इसे ध्यान में रखते हुए अनेक राज्यों के विश्वविद्यालय अधिनियमों द्वारा विश्वविद्यालयों को स्वायत्त बनाया गया है.सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न न्यायादेशों में भी विश्वविद्यालयों को स्वायत्त मानते हुए कहा गया है कि शिक्षा विभाग का दायित्व उन्हें समुचित निधि उपलब्ध कराना है. राज्यपाल ने राज्य के शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने हेतु नये सिरे से प्रयास करने का निर्देश देते हुए कहा कि जुलाई में राजभवन में अकादमिक विकास के लिए सभी कुलपतियों का दो दिवसीय नेतृत्व विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी कुलपति अपने दायित्व सही तरीके से निर्वहन करते हुए विद्यार्थियों को केंद्र में रखकर एक कार्य योजना बनाकर कार्य करें. विश्वविद्यालयों में तेजी से गुणात्मक सुधार लाएं. कुलपतियों को यह प्रयास करना चाहिए कि हमारी भावी पीढ़ी का भविष्य बेहतर हो तथा हमारा प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में पुरानी प्रतिष्ठा को हासिल कर सके. इसके लिए जरूरी है कि टीम स्प्रिट के साथ सबको मिलकर काम करने की जरूरत है.

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