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NCERT की किताबों में बदलाव पर बवाल.

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सिटी पोस्ट लाइव : नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग समय-समय पर पाठ्य पुस्तकों के सिलेबस में बदलाव करता रहता है. सिलेबस में इस बदलाव का मकसद  प्रासंगिक विषयों से छात्रों को रूबरू कराना  उन्हें कुछ नया सीखने का मौका देना है. हालांकि एनसीईआरटी का सिलेबस बदलने के नाम पर कई चैप्टर्स को किताबों से हटाना कई बार विवादों के घेरे में आया है. कई बार इसे राजनीति से प्रेरित बोला गया तो कई बार दूसरे आरोप लगे.

एनसीईआरटी के कई बदलाव बहस का मुद्दा बने. जैसे अयोध्या का इतिहास, गोधरा दंगों का चैप्टर हटाना, लेफ्ट का नया मतलब, आदि. नई बहस छिड़ी जब इंडिया की जगह भारत हुआ. इतना ही नहीं किताबों से देश में आपातकाल के समय से संबंधित चैप्टर्स भी हटाए गए.गुजरात दंगों के बारे में जानकारी देते गोधरा कांड को हटाया गया. बता दें कि एनसीईआरटी की 12वीं की पॉलिटिकल साइंस बुक में इसका जिक्र था जो हटा दिया गया.

नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क इन बदलावों के लिए जिम्मेदार होता है. एनसीएफ ने साल दर साल सिलेबस में कई तरह के बदलाव किए हैं. ये चेंज साल 1975, 1988, 2000 और 2005 में किए गए. 2005 के बाद एक लंबा गैप आया और कई साल तक सिलेबस में कुछ नहीं बदला गया. इसके बाद बदलवों की झड़ी लगी जो अभी भी जारी है.पिछले साल यानी साल 2023 में छपी टेक्स्टबुक्स में से काउंसिल ने मुगल कोर्ट, साल 2002 के गुजरात देंगे, कोल्‍ड वॉर, मुगल राजाओं का जिक्र, इमरजेंसी, पीरियॉडिट टेबल जैसे बहुत से टॉपिक हटा दिए थे. हालांकि एनसीईआरटी का कहना था कि इस फैसले का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है पर विरोधी पार्टियों ने इस पर सवाल उठाए और इतिहास मिटाने की साजिश करने जैसे गंभीर आरोप लगाए.

हाल ही में एनसीईआरटी से ये विषय हटाए गए हैं. मुगल अंपायर, अमेरिकन हिगमनी इन वर्ल्ड पॉलिटिक्स, कोल्ड वॉर ऐरा, राइज ऑफ पॉपुलर मूवमेंट्स, ऐरा ऑफ वन पार्टी डॉमिनेंस, डेमोक्रेसी एंड डायवर्सिटी, पॉपुलर स्ट्रगल्स एंड मूवमेंट्स, चैलेंजेस ऑफ डेमोक्रेसी, सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स, क्लैश ऑफ कल्चर्स, इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन.इसके साथ ही गांधी जी की हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगे बैन से संबंधित चैप्टर्स को भी हटा दिया गया है. इसके साथ ही नाथूरोम गोडसे के बैकग्राउंड से संबंधित चैप्टर और उसका एक्सट्रीमिस्ट हिंदू न्यूज पेपरों के साथ कनेक्शन बताते चैप्टर भी हटा दिए गए. नक्सली आंदोलन से संबंधित चैप्टर भी हटे.

एनसीईआरटी ने कुछ समय पहले सीबीएसई को साफ तार पर बताया कि इस साल क्लास 3 और 6 की किताबों में बदलाव किया गया है और नई किताबें बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन इसके अलावा किसी ग्रेड का सिलेबस इस साल नहीं बदला जाएगा. एकेडमिक सेशन 2024-25 के लिए बाकी किताबें पहले की ही तरह रहेंगी.बता दें साल 2022 में कोविड के कारण एनसीईआरटी ने सिलेबस में कटौती कर दी थी ताकि बच्चों पर से पढ़ाई का बोझ कम किया जा सके. इसके बाद से कई बार सिलेबल में बदलाव हो चुके हैं.

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