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हर साल दो बार होगा सरकारी शिक्षकों का प्रशिक्षण.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है.शिक्षा विभाग के अनुसार शिक्षकों को प्रत्येक वर्ष दो बार आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा.दिसंबर में शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन के बाद उन्हें आवासीय प्रशिक्षण दिलाने हेतु कार्ययोजना तैयार की गई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के अनुसार, स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता का विकास हो, इसके लिए शिक्षकों को वर्ष में दो बार प्रशिक्षण दिलाने हेतु सभी जिलों को तैयारी करने का दिशा-निर्देश दिया गया है. जनवरी-फरवरी में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.

केंद्र प्रायोजित समग्र शिक्षा अभियान में शिक्षकों का प्रशिक्षण अनिवार्य है. इसके लिए केंद्र सरकार ने टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षकों को छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है.इसके तहत हरेक शिक्षक को 50 घंटे का प्रशिक्षण लेना है. कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों को क्षमता संवर्द्धन के लिए प्रतिदिन पांच सौ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया जाता है. कक्षा नौ से 12 तक के शिक्षकों को भी प्रशिक्षण के लिए पांच सौ रुपया देने का प्रविधान है.प्रशिक्षण की यह व्यवस्था नई शिक्षा नीति के तहत है. चालू वित्तीय वर्ष में बिहार सरकार को 32.20 करोड़ की राशि शिक्षकों को प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध करायी जा रही है.

 

राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में 7,279 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति होगी.इनमें पूर्ण दृष्टिबाधित, विशेष अधिगम दिव्यांगता, बहु दिव्यांगता, प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात, श्रवण बाधित, वाच्य और भाषा दिव्यांगता, बौद्धिक दिव्यांगता और स्वलीनता संबंधित शिक्षक हैं. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, पहली से पांचवीं कक्षा तक के लिए 5,534 और कक्षा छह से आठवीं तक के लिए 1,745 शिक्षकों के नियुक्ति संबंधी पद हैं.विशेष शिक्षक के कुल पदों में 50 प्रतिशत आरक्षित पद महिलाओं के लिए होंगे. इन नियुक्तियों में महिलाओं को कोटिवार 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.

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