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ट्रेनिंग से भागने वाले शिक्षकों पर लगेगा अर्थ दंड.

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सिटी पोस्ट लाइव : “सतत व्यावसायिक विकास योजना “ के तहत राज्य के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है.यह राज्य के सभी सरकारी अध्यापक प्रशिक्षण संस्थानों एवं एससीईआरटी पटना में दिया जा रहा है. जिले से शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाता है.लेकिन शिक्षक खेला कर रहे हैं. बड़ी संख्या में शिक्षक रात्रि में प्रशिक्षण केंद्र पर नहीं रहते हैं. अपने घर या नजदीक के किसी सगे संबंधी के यहां चले जाते हैं.शिक्षा विभाग ने इसे  आवासीय प्रशिक्षण नियम के विरुद्ध मानते हुए ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कारवाई का फैसला लिया है. एससीईआरटी के निदेशक ने वैसे शिक्षकों को आर्थिक दंड लगाने का आदेश दिया है जो रात में प्रशिक्षण केंद्र में नहीं रहते हैं. ऐसे शिक्षकों से प्रशिक्षण में आने वाले खर्च की राशि जमा करनी होगी.जिले में प्रशिक्षण ले रहे हैं तो 4800 और एससीईआरटी में प्रशिक्षण ले रहे हैं तो 7200 रुपए की राशि उनके वेतन से कटौती की जाएगी. ट्रेनिंग कालेज के प्राचार्य ऐसे शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीपीओ स्थापना अनुशंसा करेंगे.

 

एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) सुषमा कुमारी ने शिक्षक-प्रशिक्षण कालेज व डायट केंद्र के प्राचार्य को पत्र भेजा है.इसमे कहा गया है-सक्षमता पास 16 शिक्षक शिक्षा विभाग नहीं पहुंच रहे हैं. इन शिक्षकों का आवेदन पेंडिंग है. बड़ी संख्या में शिक्षकों ने आधार व जन्मतिथि अपडेट किया है. इस वजह से इन शिक्षकों की काउंसिलिंग नहीं हो सकी थी. सक्षमता पास शिक्षकों की पिछले दिनों सिकंदरपुर डीआरसीसी में काउंसिलिंग हुई थी.मोबाइल नंबर में परिवर्तन, आधार और सक्षमता परीक्षा फार्म में भरे गए नाम में अंतर, आधार के मोबाइल नंबर का चेंज होना, जन्मतिथि में अंतर व अन्य कारणों से बड़ी संख्या में शिक्षकों की काउंसिलिंग नहीं हो सकी थी. शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को मौका दिया है. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन देना था.

 

विभागीय जानकारी के अनुसार 420 शिक्षकों में से 404 शिक्षकों के आवेदन को आनलाइन किया गया है. 16 शिक्षकों के कागजात पेंडिंग हैं.जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना कार्यालय ने इन शिक्षकों को पिछले कई दिनों से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन वे शिक्षा विभाग के कार्यालय नहीं पहुंचे.इस वजह से उनके आवेदन पूरी तरह पेंडिंग हैं. वहीं पोर्टल किसी भी क्षण बंद हो सकता है. आवेदन पेंडिंग होने की वजह से किसी भी स्थिति में काउंसिलिंग नहीं होगी.

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