केके पाठक के आदेश से शिक्षा माफियाओं के बीच हडकंप.
:एफिलिएटेड कॉलेज में स्टूडेंट्स की संख्या कम होने पर रद्द होगी मान्यता, हेडमास्टर के लिए निर्देश.
सिटी पोस्ट लाइव :शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के नए आदेश से शिक्षा माफियाओं के बीच हडकंप मच गया है. के.के. पाठक के नए फरमान के अनुसार वैसे कॉलेज जहां स्टूडेंट्स की संख्या नाम मात्र की है, उनकी मान्यता रद्द की जायेंगी.ऐसे कॉलेज की मान्यता रद्द करने को लेकर सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को आदेश जारी किया गया है.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने गुरुवार को वीडियो कॉफ्रेंसिग के जरिए सभी कुलपतियों के साथ बैठक की है.उन्होंने कागज पर चल रहें अंगीभूत डिग्री कॉलेज की मान्यता रद्द करने का आदेश दिया. एफिलिएटेड अल्पसंख्यक कॉलेज के लिए भी निर्देश जारी किए हैं. कागज पर स्टूडेंट्स को दिखाने वाले एफिलेटेड अल्पसंख्यक कॉलेज को रद्द करने का भी आदेश दिया गया है.आईएएस के के पाठक ने शिक्षकों की शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों उपस्थिति की जानकारी की भी मांगा की है. अंगीभूत डिग्री कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों का अटेंडेंस को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
शिक्षा अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कुलपतियों को कहा है कि सभी मान्यता प्राप्त कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों का अटेंडेंस सीट दोपहर तीन बजे तक शिक्षा विभाग को भेजे. अटेंडेंस सीट उपलब्ध नहीं किए जाने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है. आईएएस के के पाठक ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे एमजेएमसी केस को निपटारा कराए. इसके लिए उन्होंने 22 जुलाई का डेडलाइन दिया. शिक्षा अपर मुख्य सचिव ने कुलपतियों को कहा है कि कोर्ट से जुड़ी एमजेएमसी केस का निपटारा अनिवार्य रूप से करें. एमजेएमसी का निपटारा नहीं किए जाने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहें.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने सूबा के 80 हजार सरकारी स्कूल हेड मास्टर और प्रभारी प्रधानाध्यापक के वित्तीय प्रबंधन कार्य के लिए नया गाइड लाइन जारी किया है. यह गाइडलाइन 14 पेज का है. नए गाइड लाइन में कहा गया है कि स्कूल के बैंक खाते कितने और किस प्रकार के हैं. बैंक खाते कैसा हो इसको लेकर नियत तय किए गए हैं. नए गाइड लाइन को शिक्षक ट्रेनिंग मे शामिल किए जाने को कहा गया है. अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा है कि नई गाइड लाइन को अनिवार्य रूप से लागू की जाए.
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