- 4,001 अभ्यर्थियों ने नहीं भरा था अपना रोल नंबर
पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) का परिणाम जारी हो चुका है। इस परीक्षा में कुल 21,786 अभ्यर्थी पास हुए हैं। आयोग द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में परिणाम से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए।
आयोग ने बताया कि परीक्षा के प्रश्नपत्र को लेकर काफी विवाद हुआ था, और इसे मजाक का विषय भी बनाया गया। लेकिन जब परिणाम सामने आया, तो आंकड़े हैरान करने वाले निकले। इस परीक्षा में 120 से ज्यादा अंक पाने वाला सिर्फ एक अभ्यर्थी है। यानी कुल 3,28,990 अभ्यर्थियों में से केवल एक को 120 से अधिक अंक मिले।
इसके अलावा, 1,409 अभ्यर्थियों का स्कोर निगेटिव (शून्य से कम) रहा। वहीं, 4,001 अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने अपना रोल नंबर ही नहीं भरा। वहीं आयोग में याचिका दायर करने वाले 14 अभ्यर्थियों में से सिर्फ 3 अभ्यर्थी ही प्रारंभिक परीक्षा में पास किए हैं।
बीते दिनों बापू सभागार में परीक्षा के दौरान हुए हंगामे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी बिहार लोक सेवा आयोग कार्रवाई करेगा। वहीं बिहार लोक सेवा आयोग ने 13 अभ्यर्थियों को प्रतिबंधित कर दिया है। परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि आयोग मुख्य परीक्षा जल्द ही लेगा। अप्रैल महीने में मुख्य परीक्षा आयोजित करने को लेकर तैयारियां चल रहीं हैं।
श्रेणी | चयनित अभ्यर्थियों की संख्या |
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आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) | 2,149 |
अनुसूचित जाति (SC) | 3,295 |
पिछड़ा वर्ग (BC) | 2,793 |
कुल चयनित अभ्यर्थी | 21,786 |
प्रश्नों के जवाब में बड़ी संख्या में गलतियां
- विष्णुपद मंदिर से जुड़े सवाल पर 1.5 लाख अभ्यर्थियों ने गलत उत्तर दिया।
- श्रेयसी सिंह से संबंधित प्रश्न का 1.7 लाख अभ्यर्थियों ने गलत जवाब दिया।
- हरमंदिर साहिब पर आधारित प्रश्न में 50,503 गलत उत्तर दिए गए।
परीक्षा के स्तर पर विवाद और सच्चाई
परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने बताया कि कुछ तथाकथित विशेषज्ञों और सोशल मीडिया के एक वर्ग ने परीक्षा को बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने बिना किसी आधार के परीक्षा के पुनर्गठन और इसके स्तर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।
उन्होंने कहा, “परीक्षा के परिणाम का विश्लेषण स्पष्ट करता है कि प्रश्नपत्र का कठिनाई स्तर 68वीं और 69वीं पीटी के समान था। कटऑफ को लेकर जो सनसनीखेज दावे किए गए थे, वे आधारहीन हैं। इस बार भी कटऑफ 91 पर ही रहा, जैसा पिछली परीक्षाओं में था।”
परिणाम के मुख्य तथ्य
- 120 से अधिक अंक लाने वाला सिर्फ एक अभ्यर्थी।
- 100 से ज्यादा अंक पाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या सिर्फ 1,180।
- निगेटिव स्कोर (0 से कम अंक) वाले अभ्यर्थी: 1,409।
झूठे दावों से सावधान
राजेश कुमार ने बिहार के अभ्यर्थियों को सलाह दी कि वे झूठी अफवाहों और दुष्प्रचार से बचें। कुछ तत्वों ने इस परीक्षा की तुलना ग्रुप D या सिपाही भर्ती परीक्षा से की थी, और कटऑफ 125 तक जाने की बात कही थी। लेकिन विश्लेषण से साफ है कि प्रश्नपत्र उच्च स्तर का था, और कटऑफ 91 पर ही स्थिर रहा। उन्होंने कहा कि “मेहनती अभ्यर्थियों को इन भ्रमों से सतर्क रहना चाहिए और अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।