सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार आज रविवार को इस्तीफा दे सकते हैं.‘अपना इस्तीफा सौंपने से पहले नीतीश विधायक दल की एक पारंपरिक बैठक करेंगे.’ अपेक्षित व्यस्त गतिविधि के मद्देनजर सचिवालय जैसे सरकारी कार्यालयों को रविवार को दिन के दौरान खुले रहने के लिए कहा गया है ताकि भाजपा के समर्थन से नयी सरकार का गठन हो सके. गौरतलब है कि बीजेपी –जेडीयू और उसके सहयोगी दलों के विधयाकों की संख्या 127 के आसपास है.सूत्रों के अनुसार आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर देगें.आज ही शपथ समारोह होने की उम्मीद है.राजभवन शपथ समारोह की तैयारी में जुट गया है.
JDU के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता के. सी. त्यागी के अनुसार बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने की कगार पर है .उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के एक धड़े पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बार-बार ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाया है.त्यागी ने कहा, ‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) भी टूटने की कगार है. पंजाब, पश्चिम बंगाल और बिहार में ‘इंडिया’ में शामिल दलों का गठबंधन लगभग खत्म हो चुका है.’
लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए अपने सभी घोड़े छोड़ चुके हैं.लालू यादव JDU के विधयाकों से इस्तीफा दिलवा कर सरकार बनाने की तैयारी में जुटे हैं.लालू यादव वैसे JDU विधयाकों के संपर्क में हैं जो नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने पर असहज है.लालू यादव की नजर जीतन राम मांझी पर है जिनके पास 4 विद्याका हैं.लालू यादव और राहुल गांधी खुद मांझी से बात कर रहे हैं.लेकिन मांझी ने विधयाकों की बैठक के बाद NDA के साथ बने रहने का दावा किया है.
तेजस्वी यादव दिनभर अपने आवास पर पार्टी नेताओं-विधयाकों के साथ बैठक करते रहे.सूत्रों के अनुसार RJD के कुछ नेता नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के पक्ष में हैं और उन्हें उम्मीद है कि ‘महागठबंधन’ को बहुमत के आंकड़े को हासिल करने के लिए आठ विधायकों का समर्थन जुटाया जा सकता है. लेकिन तेजस्वी यादव समेत अन्य इस विचार से सहमत नहीं दिख रहे हैं क्योंकि 243 सदस्यीय विधानसभा में जद (यू) और भाजपा के कुल मिलाकर 122 से अधिक सदस्य हैं..रिपोर्ट के अनुसार तेजस्वी ने बैठक में कहा कि “सीएम नीतीश कुमार आदरणीय थे और हैं. कई चीजें उनके (नीतीश कुमार) नियंत्रण में नहीं हैं. ‘महागठबंधन’ में राजद के सहयोगियों ने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया है.
नीतीश आज महागठबंधन से अलग हो सकते हैं और बीजेपी के साथ मिलकर दोबारा सरकार बना सकते हैं. इधर भारतीय जनता पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम के बीच राजधानी पटना में एक बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें सभी विधायकों और सांसदों को मौजूद रहने को कहा गया है. यह बैठक रविवार सुबह 9 बजे होगी, जिसमें पार्टी राज्य में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल पर अपनी रणनीति तैयार करेगी और परिस्थितियों पर चर्चा करेगी.इससे पहले शनिवार को भी बिहार में भाजपा के नेताओं ने अहम बैठक की, जिसमें कई विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया.
बिहार में भाजपा के पास सबसे अधिक 17 सांसद हैं, जहां लोकसभा सदस्यों की कुल संख्या 40 है. इसके अलावा नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जद (यू) के पास 16 सांसद हैं, जबकि एनडीए की एक अन्य सहयोगी एलजेपी, जोकि अब चाचा-भतीजे की जोड़ी के बीच विभाजित हो गई है, के पास छह सांसद हैं.जबकि 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में राजद के पास सबसे ज्यादा 79 विधायक हैं. इसके बाद भाजपा के 78; जद (यू) की 45′, कांग्रेस की 19, सीपीआई (एम-एल) की 12, सीपीआई (एम) और सीपीआई की दो-दो, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) की चार सीटें, और एआईएमआईएम की एक सीट, साथ ही एक निर्दलीय विधायक है.
बिहार में सत्तारूढ़ JDU-RJD-CONG गठबंधन टूटने की कगार पर है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से आज NDA में शामिल हो सकते हैं..लालू यादव अपनी सरकार बनाने के लिए JDU विधयाकों को तोड़ने में जुटे हैं.JDU के 43 विधयक हैं इसलिए उसे तोड़ना मुश्किल है.ऐसे में लालू यादव JDU के विधयाकों को इस्तीफा देने के लिए तैयार कर रहे हैं.अगर JDU 8 विधायक भी इस्तीफा दे देते हैं तो जीतन राम मांझी के सहयोग से लालू यादव सरकार बना सकते हैं.लालू यादव की इस रणनीति को नाकाम करने के लिए JDU कांग्रेस को तोड़ने में जुटा है.सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के एक दर्जन विधायक अपना मोबाइल बंद कर अंडरग्राउंड हो चुके हैं.
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