इंडिया में घमाशान, कांग्रेस पर JDU-TMC का निशाना.

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सिटी पोस्ट लाइव ; इंडिया गठबंधन बन तो गया है लेकिन अभी भी एकता की कमी है.JDU और TMC ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) ने पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवी लाल की 110वीं जयंती के मौके पर सम्मान दिवस रैली का आयोजन किया था. इसमें I.N.D.I.A एलायंस के कई बड़े नेताओं के पहुंचने के दावे किए गए थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस रैली का चीफ गेस्ट बनाया गया था.लेकिन  नीतीश कुमार इस रैली में शामिल नहीं हुए. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी रैली में नहीं गए. कांग्रेस का तो कोई प्रतिनिधि तक रैली में शामिल नहीं हुआ. कहा जा रहा था कि इस सम्मान रैली के जरिए INLD विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन में एंट्री करेगी.

हरियाणा के कैथल में INLD की सम्मान रैली से नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, सत्यपाल मलिक के साथ कांग्रेस ने भी दूरी बना ली. हालांकि जेडीयू और आरजेडी ने अपने प्रतिनिधियों इस रैली में भेजा था, मगर कांग्रेस से कोई नहीं गया. इसे लेकर जेडीयू और टीएमसी नेताओं ने कांग्रेस पर तंज कसा. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि विपक्ष अकेले नहीं लड़ सकता. हम तभी जीतेंगे, जब साथ लड़ेंगे. कांग्रेस समेत सभी दलों से कहना चाहता हूं कि हम एकसाथ मिलकर ही कामयाब हो सकते हैं.

जेडीयू की ओर से पूर्व सांसद केसी त्यागी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि हरियाणा में जीतने के लिए आईएनएलडी और ओम प्रकाश चौटाला के इर्द-गिर्द रहना पड़ेगा. हम दस की दस सीट बीजेपी से हारने को तैयार हैं, लेकिन सीटें बांटने को तैयार नहीं हैं. आईएनएलडी के बिना एकता ना यहां होगी ना दिल्ली में होगी.’ममता बनर्जी की पार्टी तृण मूल कांग्रेस की ओर से रैली में सांसद डेरेक ओ ब्रायन शामिल हुए. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि बीजेपी को हराने के लिए बड़े दल अहंकार छोड़ें. ईगो अपनी जेब में रखें. माना जा रहा है कि उनका इशारा कांग्रेस की ओर था.

दरअसल, हरियाणा में लोकल पॉलिटिक्स की वजह से कांग्रेस ने आईएनएलडी के सम्मान रैली से किनारा कर लिया. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर भूपेंद्र सिंह हुड्डा आईएनएलडी से गठबंधन करने के खिलाफ हैं. माना जा रहा है कि इसी वजह से कांग्रेस ने रैली से दूरी बना ली. INLD के सम्मान रैली में शामिल होने के लिए अभय चौटाला ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भेंट कर न्योता दिया था. मगर, लोकल नेताओं की नाराजगी को देखते हुए कांग्रेस ने अपना कोई प्रतिनिधि तक नहीं भेजा.

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