सिटी पोस्ट लाइव :उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला को उनके भव्य राम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान किए जाने की जोरशोर से तैयारी चल रही है.शहर को भी अलग लुक दिए जाने पर काम चल रहा है. सरयू किनारे स्थित अयोध्या नगरी अपने पौराणिक आभा के अनुरूप सज-संवर रही है. 22 जनवरी 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान करने से पहले अयोध्या को सुंदर, भव्य और अलौलिक बनाने की तैयारी हो रही है.
अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. सरयू किनारे 40 मेगावॉट का सोलर प्लांट लगाया जा रहा है. इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट मॉडर्न होती अयोध्या की कहानी बता रहा है. इसके अलावा यहां के प्रमुख 4 स्थानों हनुमानगढ़ी, नयाघाट, अयोध्या रेलवे स्टेशन और गुप्तारघाट पर वाई-फाई की सुविधा भी प्रदान कर दी गई है.अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सुगमता की दृष्टि से सहादतगंज से नया घाट तक करीब 13 किलोमीटर लंबे ‘रामपथ’ का निर्माण कार्य लगभग पूरा होने को है. श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के समीप वाले क्षेत्रों में कामन बिल्डिंग कोड लागू है.
श्रीराम मंदिर के डिज़ाइन से प्रेरित अयोध्या के भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण. मार्ग के दोनों ओर रामायण कालीन वृक्षों की छाया, गुप्तार घाट से जानकी घाट तक के विकास और सुंदरीकरण का कार्य, पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए नया घाट के निकट भव्य पर्यटन सुविधा केंद्र का निर्माण हो रहा है.श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अयोध्या धाम की पंचकोसी और चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग का सुंदरीकरण और चौड़ीकरण किया जा रहा है. इसके अलवा परिक्रमा मार्ग पर ‘रामायण कालीन’ दृष्टांतों को दीवारों पर उकेरा गया है. परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले 208 पौराणिक महत्व के स्थलों का भी सुंदरीकरण किया जा रहा है.लगभग दो हजार वर्गमीटर के परिक्षेत्र में क्वीन मेमोरियल पार्क का विकास किया जा रहा है. इससे दक्षिण कोरिया और भारत के प्राचीन मैत्री संबंधों को नवीन आयाम मिलेगा.
अयोध्या मंडल के कमिश्नर गौरव दयाल ने बताया कि अयोध्या में 30,500 करोड़ की विकास योजनाएं चल रही हैं. इनमें कई पूरी हो गई हैं, जबकि कई का निर्माण पूरा होने जा रहा है. प्राण- प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या की 6 हजार करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. अयोध्या के पौराणिक स्वरूप को बरकरार रखते हुए मॉडर्न सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. 14 कोसी और 5 कोसी परिक्रमा मार्गों को भी चौड़ा किया जा रहा है.
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