सिटी पोस्ट लाइव : लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुवात 17 नवंबर से हो रही है.छठ व्रत कुमारी लड़कियां और लडके नहीं कर सकते हैं.यह सूर्य उपासना का व्रत होता है. इसमें कुंवारी कन्याओं के लिए यह व्रत वर्जित है. क्योंकि सूर्य का आराधना केवल महिला ही कर सकती है. सूर्य की उपासना जो कोई सधवा हो या विधवा हो वहीं कर सकती है. कुंवारी अवस्था में ही कुंती ने सूर्य उपासना की थी. वह मां बन गई थी. इस वजह से कुंवारी लड़कियों को सूर्य की उपासना, छठ व्रत करना इस समय से वर्जित है. वैसे पुरुष जिनका यज्ञोपवितम संस्कार हो चुका है. वही, सूर्य की उपासना छठ व्रत के दौरान कर सकते हैं.विवाहित पुरुष छठ पूजा कर सकते हैं.
देसी गाय के दूध से सूर्य भगवान को अर्घ्य प्रदान करने से ऐश्वर्याता और परम शांति की प्राप्ति होती है. इसके लिए जल और दूध से अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देने के समय में विभिन्न प्रकार का पकवान फल प्रसाद हाथ में रहता है उसको सूर्य भगवान को अर्पण किया जाता है. वह दिनकर हैं दीनानाथ है, भास्कर हैं, सूर्य हैं, यह अखिल ब्रह्मांड के नेत्र स्वरूप में है. उनको प्रसन्न करने के लिए उनको शीतलता प्रदान करने के लिए जल और गाय दूध का अर्ध दान दिया जाता है. ध्यान रखें इस बार के छठ पर्व में देसी गाय के दूध का अर्घ्य अवश्य प्रदान करें. जिससे की आपको ऐश्वर्याताएं प्राप्त होगी. साथ में परम शांति की प्राप्ति होगी .
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