सिटी पोस्ट लाइव : आज देवउठनी एकादशी व्रत है. देवउठनी एकादशी की विशेष धार्मिक महतव है. मान्यतानुसार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) देवशयनी एकादशी पर क्षीर सागर में शयन करने चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी पर अपनी निद्रा से उठते हैं. देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाता है. माना जाता है कि देवउठनी एकादशी का व्रत रखने पर जातक के घर में सुख और समृद्धि आती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
देवउठनी एकादशी का व्रत रख रहे व्रत इस दिन खास पूजा करते हैं. पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इस साल 22 नवंबर रात 11 बजकर 03 मिनट से शुरू हो चुकी है और अगले दिन यानी आज 23 नवंबर रात 9 बजकर 1 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. इस चलते देवउठनी एकादशी का व्रत (Dev Uthani Ekadashi Vrat) 23 नवंबर के दिन ही रखा जा रहा है. एकादशी व्रत का पारण 24 नवंबर, शुक्रवार सुबह 6 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 57 मिनट के बीच कर सकते हैं.
इस व्रत में तुलसी कवच स्त्रोत (Tulsi Kavach Strota) का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है. तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है. ऐसे में देवशयनी एकादशी की पूजा में विशेषकर तुलसी के पत्ते शामिल किए जाते हैं. एकादशी पर तुलसी कवच स्तोत्र का पाठ करना भी बेहद शुभ माना जाता है.
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