वैशाली मैदान में श्री मद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का हुआ आयोजन

Rahul
By Rahul

सिटी पोस्ट लाइव
बोकारो :
वैशाली मैदान में धर्म जन जागरण समिति के द्वारा आयोजित 8 दिवसीय श्री मद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के त्रितीय दिवस का सुभारंभ आदरणीय विवेक सिंह ,राकेश कुमार मधु,अजीत कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कथा का सुभारंभ किया। आज के कथा में आचार्य वशिष्ठ देशमुख महाराज जी ने भक्त प्रहलाद के चरित्र और गजेन्द्र मोक्ष कथा की चर्चा की। महाराज जी ने कहा कि राजा हिरण कश्यप खुद को भगवान समझता था। प्रजा को भी वह उन्हें भगवान मानने के लिए दबाव डालता था।

लेकिन हिरण कश्यप का पुत्र प्रहलाद विष्णु को ही भगवान मानता था। एक दिन हिरण कश्यप ने प्रहलाद से पूछा कि तुम्हारा भगवान विष्णु कहा रहता है। प्रहलाद ने एक खंबे की ओर इशारा करके कहा कि मेरा भगवान हर जगह है।आक्रोश में आकर हिरण कश्यप ने उस खंबे को तोड़ने का प्रयास किया। खंबे के भीतर से ही भगवान विष्णु नरसिंह अवतार में प्रकट हुए। उन्होंने हिरण कश्यप का वध किया। भगवान का सबसे सुन्दर नाम है भक्तवत्सल, जिसका अर्थ होता है- वह जो अपने भक्तों के स्नेह, प्रेम, भाव पर बहुत ही जल्दी रीझ जाए और अपना सर्वस्व निछावर कर दे।

फिर चाहे बात भक्तशिरोमणि प्रह्लाद की तपस्या की हो या भील कुल में जन्मी माता शबरी का वात्सल्य प्रेम हो। फिर चाहे याद सद्ना कसाई के कपटरहित भाव को किया जाए या फिर मीरा की अनन्य भक्ति को। भगवान ने हर बार अपनी भक्तवत्सलता साबित की है और इसी कड़ी में गजेंद्र मोक्ष कथा आती है, जब भगवान अपने भक्त के बुलाने पर नंगे पांव भागे चले आए। गजेन्द्र की स्तुति सुनकर सर्वात्मा सर्वदेव रूप भगवान विष्णु प्रकट हो गए।

गजेन्द्र को पीड़ित देखकर भगवान विष्णु गरुड़ पर आरूढ़ होकर अत्यंत शीघ्रता से उक्त सरोवर के तट पर पहुंचे। जब जीवन से निराश तथा पीड़ा से छटपटाते गजेन्द्र ने हाथ में चक्र लिए गरुड़ारूढ़ भगवान विष्णु को तीव्रता से अपनी ओर आते देखा तो उसने कमल का एक सुन्दर पुष्प अपनी सूंड में लेकर ऊपर उठाया और बड़े कष्ट से कहा- नारायण ! जगद्गुरो ! भगवान ! आपको नमस्कार है। गजेन्द्र को अत्यंत पीड़ित देखकर भगवान विष्णु गरुड़ की पीठ से कूद पड़े और गजेन्द्र के साथ ग्राह को भी सरोवर से बाहर खींच लाए और तुरंत अपने तीक्ष्ण चक्र से ग्राह का मुंह फाड़कर गजेन्द्र को मुक्त कर दिया।

इस कार्यक्रम में मुख्य यजमान योगेन्द्र कुमार चौधरी व शालिनी कुमारी के अलावे आयोजन समिति के सदस्यों के रूप में सत्यम भारती, रवि शंकर, योगेंद्र कुमार, गौरांग चंद्र, मनीष कुमार पाण्डेय, कुलदीप कुमार, रामनरेश प्रसाद, गणेश अग्रवाल सुजीत कुमार, गगन दास , अशोक महली, मनोज कुमार , गणेश महतो, नरेश कंधवे, अनमोल, बीरेंद्र कुमार, अमित गिरी, आशीष कुमार, जयंत दत्ता, विजय कुमार, यशराज, रवि राज, दिलीप कुमार महतो , सुनील कुमार महतो, अरुण कुमार, सुमित कुमार सहित कई लोग मौजूद रहे।

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