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पटना: इस्लामी परंपरा के अनुसार, शब-ए-बरात की रात को अल्लाह से रहमत और पूर्वजों की मगफिरत के लिए इबादत करने का खास महत्व है। गुरुवार की रात मुस्लिम समुदाय के अकीदतमंद बड़ी संख्या में मजारों और कब्रिस्तानों पर जुटे और रातभर इबादत में मशगूल रहे। शुक्रवार को रोजा रखकर दुआ की जाएगी। गुलजारबाग, पातो की बाग, दादर मंडी, कुम्हरार, धुनकी मोड़, अगमकुआं, सुल्तानगंज, दरगाह, लोदी कटरा, बटाउकुआं, सिमली, चमडोरिया, आलमगंज समेत कई इलाकों में कब्रिस्तान और मजारों पर जायरीनों की भीड़ उमड़ी। खानकाहों में भी इबादत के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
खानकाह मुनएमिया मीतन घाट दरगाह शरीफ के सज्जादानशीन सैयद शाह शमीमउद्दीन मुनएमी ने बताया कि इस रात को क्षमा मांगने का विशेष महत्व है। धर्म के नियमों का पालन करते हुए, यह रात आत्मशुद्धि का अवसर प्रदान करती है। खानकाह मंगल तालाब के सज्जादानशीन सैयद शाह मिस बाहुल हक एमादी ने कहा कि यह अवसर गिला-शिकवा भुलाकर अल्लाह से गुनाहों की माफी मांगने और दुआ करने का होता है। शब-ए-बरात के मद्देनजर पटना पुलिस पूरी तरह सतर्क रही। एसडीओ सत्यम सहाय और एएसपी अतुलेश झा ने बताया कि कब्रिस्तानों और मस्जिदों के पास सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई और अधिकारियों ने इबादत स्थलों का निरीक्षण भी किया।
फुलवारीशरीफ के मिलकियाना, सैय्यादाना, महत्वाना, नयाटोला, इशापुर, अलमीजान नगर, हारूननगर, मिल्लत कॉलोनी, मौला बाग, कर्बला, लाल मियां की दरगाह, शाही संगी मस्जिद, खलीलापुरा, सबजपूरा, गुलिस्तान मोहल्ला, बौली, खानकाह ए मुजीबिया, जानीपुर, परसा बाजार के ओबैदुल्लाह चक सहित अन्य इलाकों में बड़ी संख्या में लोग इबादत के लिए पहुंचे। कब्रिस्तानों और मस्जिदों को छोटे-छोटे बल्बों से रोशन किया गया था। जायरीनों ने पूर्वजों की मजारों पर फातिहा पढ़ी और उनकी मगफिरत के लिए दुआएं मांगी।