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पूर्वजों का पिंडदान करने गया पहुंचे संजय दत्त.

200 साल पुराना बही-खाता देख हुए भावुक, विष्णुपद पर किया अपने पितरों के लिए पिंडदान.

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सिटी पोस्ट लाइव : बॉलीवुड के मशहूर  अभिनेता  संजय दत्त ने चार्टर्ड फ्लाइट से गया आकर  विष्णु पद मंदिर में अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. संजय दत्त तीन पिंड वेदी विष्णुपद, फल्गु नदी और अक्षयवट के पास पिंडदान कर कर्मकांड को पूरा किया. फिर पिंड को गर्भगृह में आकर भगवान श्रीहरि के चरण पर चढ़ाकर पूर्वजों के आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

संजय दत्त को विष्णुपद पंजाबी धर्मशाला के पंडा देवनाथ हीरानाथ मेहरवाड दाढ़ी वाले ने कर्मकांड को पूरा कराया. उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ करीब एक घंटे तक कर्मकांड किया गया. कर्मकांड से पहले फिल्म अभिनेता ने श्राद्ध से जुड़े संकल्प किया. पिंडदान पूरा करने के बाद संजय दत्त चार्टर्ड फ्लाइट से वापस लौट गए. गया में जैसे ही संजय दत्त का आगमन हुआ, लोगों को सूचना मिलते हीं हजारों की संख्या में लोग विष्णु पद पहुंच गए और उनकी एक झलक पाने के लिए लोग आतुर दिखें.

संजय दत्त से पूर्व उनके दादा एवं पिताजी भी गया पहुंचकर अपने पूर्वजों का पिंडदान कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि संजय दत्त के दादा दीवान रघुनाथ दत्त देश की आजादी से पूर्व यहां आकर पिंडदान किया था. उसके बाद 1983 के आसपास संजय दत्त के पिता सुनील दत्त ने भी यहां आकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया था. इस बार स्वयं बॉलीवुड के खलनायक गया पहुंचकर सात पीढ़ियों के आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया.

संजय दत ने पिंडदान की प्रक्रिया पूरा करने के बाद अपने पुरोहितों के 200 साल पुराना बही खाता को देखा अपने पिताजी और दादाजी से जुडे यादें देखकर काफी भावुक हो गये थे. इन्होंने इच्छा जताई है कि भविष्य में उनके पुत्र भी गया आकर सभी पूर्वजों का पिंडदान करें.बता दें कि गया में कोई भी व्यक्ति अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते हैं तो उनका बही खाता लिखा जाता है. ताकि उनका रिकॉर्ड खाता में दर्ज रहे और उनकी आने वाली पीढ़ी को इस बारे में जानकारी रहे कि उनके पूर्वज पहले गया जी आ चुके हैं.

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