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पटना: आज यानी 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन का गंगा स्नान विशेष रूप से शुभ माना गया है। खासतौर पर प्रयाग के त्रिवेणी संगम में इस दिन स्नान का महत्व अत्यधिक है। वर्तमान में महाकुंभ मेला चल रहा है, और लाखों श्रद्धालु इस पवित्र दिन संगम में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। यदि आप किसी कारणवश महाकुंभ या किसी अन्य स्थान पर पवित्र नदी में स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं, तो आप घर पर भी कुछ विशेष विधि अपनाकर उसी पुण्य को प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आप त्रिवेणी संगम में स्नान करने में असमर्थ हैं, तो आप अपने घर में स्नान करते समय पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दौरान आपको ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इस विधि से आप महाकुंभ के अमृत स्नान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान का आयोजन किया जाएगा, जो ब्रह्म मुहूर्त से शुरू होगा। 29 जनवरी, बुधवार को लगभग 10 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए उपस्थित हो सकते हैं। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 से 6:28 बजे तक रहेगा। इसके बाद विजय मुहूर्त दोपहर 2:22 से 3:05 बजे तक रहेगा और गोधूलि मुहूर्त शाम 5:15 से 6:15 बजे तक रहेगा। इस दिन को विशेष रूप से पुण्य और शांति प्राप्ति के लिए माना जाता है, और यह अवसर न केवल नदी के पवित्र जल में स्नान करने का, बल्कि आत्मिक शांति और धार्मिक उन्नति प्राप्त करने का भी है।