देवउठनी एकादशी व्रत से पूरी होगी हर मनोकामना.
देवउठनी एकादशी व्रत का फल एक हजार अश्वमेघ यज्ञ और 100 राजसूय यज्ञ के फल के बराबर.
सिटी पोस्ट लाइव : देवोत्थानी एकादशी का बड़ा ही महतव है.यह पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल देवोत्थान एकादशी का व्रत 23 नवंबर को है. इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने के बाद योग निद्रा से जागते हैं.इस दिन से सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. देवउठानी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ व्रत कथा का पाठ भी किया जाता है. इस दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है.
देवोत्थान एकादशी व्रत के दिन पवित्र नदियों में स्नान व भगवान विष्णु के पूजन का विशेष महत्व है. पुण्यादि करने से इसका महत्व और बढ़ जाता है. इस व्रत को करने से जन्म-जन्मांतर के पाप क्षीण हो जाते हैं. जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है.इतना ही नहीं इस व्रत का फल एक हजार अश्वमेघ यज्ञ और सौ राजसूय यज्ञ के बराबर होता है.
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