राजकुमार चौबे के नेतृत्व में बक्सर की सनातनी पहचान को संवारने का अभियान शुरू

Rahul
By Rahul

सिटी पोस्ट लाइव

बक्सर। महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि बक्सर एक पावन भूमि है, जिसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व अयोध्या और काशी से भी पुराना माना जाता है। यही वह स्थान है जहां भगवान श्रीराम ने महर्षि विश्वामित्र से शिक्षा प्राप्त की थी। इस समृद्ध सनातनी संस्कृति और परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

राजकुमार चौबे वर्षों से बक्सर की जनता को इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय मंचों पर भी बक्सर के महत्व को मजबूती से स्थापित किया है। उनका उद्देश्य है कि बक्सर को एक सनातन संस्कृति के केंद्र के रूप में पहचान मिले।

राजनीतिक गलियारों में उठी बक्सर की चर्चा

राजकुमार चौबे के नेतृत्व में बनी “विश्वामित्र सेना” इस अभियान को आगे बढ़ा रही है। यह संगठन न केवल बक्सर की ऐतिहासिक धरोहर को पुनर्जीवित करने के लिए कार्यरत है, बल्कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी प्रयास कर रहा है। विश्वामित्र सेना के निरंतर प्रयासों का ही परिणाम है कि अब बक्सर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत पर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा हो रही है।

राजकुमार चौबे का मानना है कि यह केवल एक आंदोलन नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने बताया कि विश्वामित्र सेना द्वारा दलित बस्तियों में निःशुल्क शिक्षा अभियान और धार्मिक जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि धर्मांतरण जैसी चुनौतियों का मजबूती से सामना किया जा सके। बक्सर की ऐतिहासिक विरासत को पुनर्जीवित करने की यह मुहिम एक नए युग की शुरुआत कर रही है।

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