सिटी पोस्ट लाइव
नालंदा। जिले के हिलसा स्टेशन पर शुक्रवार को इस्लामपुर से नई दिल्ली जाने वाली मगध एक्सप्रेस में महाकुंभ स्नान के लिए यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी। ट्रेन के पहुंचते ही यात्री जल्दी से बोगियों में चढ़ने की कोशिश करने लगे, लेकिन ज्यादातर डिब्बों के दरवाजे अंदर से बंद थे। इससे यात्री घबराकर हंगामा करने लगे और भीड़ बेकाबू हो गई। देखते ही देखते स्टेशन पर भगदड़ मच गयी। भगदड़ के कारण ट्रेन पर चढ़ने के लिए लोग इधर-उधर भागे। इस दौरान गिरने के कारण कई यात्री घायल हुए, वहीं कुछ के सामान भी प्लेटफॉर्म पर गिर कर बिखर गए। किसी का थैला छूटा, किसी की चप्पल। खिड़कियों के टूटे शीशे से भी कुछ यात्रियों के घायल होने की सूचना है।

यात्रियों ने पत्थरबाजी की, एसी कोच के शीशे तोड़े
हिलसा स्टेशन पर मगध एक्सप्रेस के रुकते ही ट्रेन पर चढ़ने के लिए यात्री टूट पड़े। लेकिन बोगियों के दरवाजे अंदर से बंद थे। दरवाजे न खुलने पर गुस्साए यात्रियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी और लाठियों से खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। शीशा टूटने के बाद कुछ यात्री खिड़की के रास्ते बोगी में घुस गए। इस भगदड़ में छह से ज्यादा यात्री घायल हो गए और कई यात्रियों की ट्रेन छूट गई। बच्चे के साथ सफर कर रही एक महिला यात्री ने बताया कि मुझे तो बस पटना तक ही जाना था फिर भी चढ़ने नहीं दिया।

22 मिनट तक रुकी रही मगध एक्सप्रेस
मगध एक्सप्रेस शुक्रवार को अपने तय समय 3:54 बजे हिलसा स्टेशन पर आई थी, लेकिन भीड़ और हंगामे की वजह से इसे 22 मिनट तक रुकना पड़ा। पत्थरबाजी से स्लीपर और एसी कोच के कई दरवाजे और खिड़कियां क्षतिग्रस्त हो गए।

स्टेशन मास्टर ने समझाकर शांत कराया
घटना के बाद नाराज यात्रियों ने टिकट वापसी की मांग को लेकर हंगामा किया। स्टेशन मास्टर शंकर प्रसाद ने समझा-बुझाकर स्थिति को संभाला और जिन यात्रियों की ट्रेन छूट गई थी, उनके टिकट वापस कर दिए। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों से महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। कुछ यात्रियों ने ट्रेन की बोगियों को अंदर से बंद कर रखा था जिस वजह से ही भगदड़ का माहौल हो गया था।

स्टेशन से निराश होकर लौटे यात्री
हिलसा स्टेशन पर मची भगदड़ और उसके बाद ट्रेन छूट जाने से निराश यात्री लौट गए। लोगों ने बताया कि महाकुंभ की वजह से ट्रनों में इतनी भीड़ चल रही है। वहीं हिलसा स्टेशन पर भी कुछ श्रद्धालु महाकुंभ जाने की तैयारी में दिखे। उन्होंने बताया कि अब किसी और ट्रेन से महाकुंभ के लिए प्रस्थान करेंगे। वहीं एक बुजुर्ग श्रद्धालु ने बताया कि भगवान का नाम लेकर निकले हैं। किसी न किसी ट्रेन से तो महाकुंभ पहुंच ही जाएंगे।
मुझे दिल्ली जाना था लेकिन अब टिकट वापस कर रहा हूं। ट्रेन में इतनी भीड़ है कि चढ़ने तक का मौका नहीं मिल पाया। इतनी भीड़ में जान देने थोड़े न जाउंगा। मुझे कुछ हो गया तो मेरे परिवार को कौन देखेगा? यहीं पर कुछ काम करके परिवार देख लूंगा।
कारू प्रसाद, यात्री