सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी और जेडीयू के नेता समीक्षा में जुटे हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं की उदासीनता पर बीजेपी के विधायक एवं विधान पार्षदों ने चिंता जताई है.गुरुवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय के अटल सभागार में हुई विधान मंडल दल की बैठक में विधायकों ने बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से बगैर सूचना मतदाताओं के नाम काटने की ओर भी नेतृत्व का ध्यान आकृष्ट किया.विधायकों की शिकायत थी कि एक-एक विधानसभा में क्षेत्र में दो से ढाई हजार मतदाताओं के नाम काट दिए गए. इसका भी चुनाव परिणाम पर काफी असर रहा. कई विधायकों एवं विधान पार्षदों ने नेतृत्व से पूर्व में संचालित योजनाओं को फिर से शुरू कराने की मांग की.मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना एवं मुख्यमंत्री नगर विकास योजना की विशेषता की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए नए सिरे से योजना शुरू कराने का अनुरोध किया.
प्रदेश अध्यक्ष सह उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विधायकों से बूथ अध्यक्षों तक व्यक्तिगत रूप से पहुंच सुनिश्चित करने की अपील की.उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम से सबक लेकर संगठन की कमियां दूर की जाएंगी. इसी के साथ विधानसभा चुनाव के लिए भी रणनीति बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.विधायकों ने संविधान बदलने को लेकर विपक्ष की ओर से फैलाई गई अफवाह को भी राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के लिए घातक बताया. विधायकों ने कहा कि इससे मतदाताओं का बड़ा वर्ग भ्रमित हुआ. इसका भी नुकसान राजग प्रत्याशियों को हुआ. प्रदेश नेतृत्व से कई क्षेत्रों में भितरघात की शिकायत भी की गई.
कुछ विधायकों ने भूमि अधिग्रहण मुआवजा को लेकर भी चिंता जताई। विधायकों को कहना था कि 2012 में तय मुआवजा के आधार पर आज भी भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है. यह उचित नहीं है.बैठक में उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सांसद संजय जायसवाल के अलावा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे.इससे पहले दोपहर में पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों, जिला प्रभारियों, लोकसभा प्रभारियों एवं लोकसभा संयोजकों के साथ बैठक हुई. इस दौरान लोकसभा चुनाव के दौरान उनके अनुभव और योगदान पर विस्तृत चर्चा हुई.