राम मंदिर बनेगा BJP के लिए चुनावी ट्रम्प कार्ड?
मोदी के शासन काल को हिंदू नवजागरण काल के रूप में पेश करने की है BJP की तैयारी.
सिटी पोस्ट लाइव : राम मंदिर बनकर तैयार हो चूका है. 22 जनवरी को एकबार फिर से अयोध्या में राम लला विराजमान हो जायेगें. सबके जेहन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या राम मंदिर बीजेपी के लिए चुनावी ट्रम्प कार्ड साबित हो सकता है? क्या अगले साल होने वाले आम चुनाव में ‘हिंदू नवजागरण काल’ को बीजेपी एक बड़े मुद्दे के रूप में पेश करेगी? क्या राम मंदिर इसका एक प्रतीक बनेगा? क्या इसका बड़ा लाभ चुनाव में बीजेपी को मिल सकता है? ये तमाम सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि लोक सभा चुनाव के ठीक पहले अयोध्या में अगले साल 22 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय हो गई है.
पीएम नरेंद्र मोदी इस मौके पर खुद अयोध्या में मौजूद रहेगें.इस आयोजन को बहुत बड़े पैमाने पर पूरे देश में मनाने की कोशिश अभी से शुरू हो गई है. पूरे पखवाड़े तक चलने वाले इस आयोजन में पूरे देश के लोगों की आस्था से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. इसके तुरंत बाद देश में आम चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है. बीजेपी का मानना है कि इस आयोजन से देश में वैसा ही माहौल बनेगा जैसा 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद बना था.
पिछले कुछ महीनों से पीएम मोदी संकेत दे रहे थे कि वह 2024 आम चुनाव को विकास और विरासत के उदय के रूप में पेश करेंगे. कई मौकों पर इससे जुड़ी बात वह बोल चुके हैं. उनकी अगुवाई में बीजेपी का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में विरासत को फिर से जीवित करने से लेकर अन्य कई नई पहल करने से देश में एक नवीन भावना का उदय हुआ है, जिसका लाभ पार्टी को मिलेगा. इसी क्रम में सबसे बड़ा दांव राम मंदिर से है. प्रधानमंत्री मोदी खुद इस मौके पर मौजूद रहकर बड़ा संदेश दे सकते हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी का चुनाव प्रचार भी इसी मौके से शुरू हो सकता है.
पिछले कुछ दिनों से पीएम मोदी ने अपने तमाम भाषणों में गुलामी, उपनिवेशवाद से मुक्ति दिलाने और हिंदू परंपरा, विरासत को फिर से स्थापित करने की बात करते रहे हैं. महाकाल कॉरिडोर, केदारनाथ, वाराणसी सहित तमाम धार्मिक स्थलों के नए सिरे से विकसित करने के अलावा हिंदू परंपरा को पाठ्यक्रम से लेकर तमाम जगहों पर उचित जगह दिलाने का दावा भी किया. इस दिशा में कई पहल भी की गई. अब पार्टी इन चीजों को जनता के बीच ले जाने की कोशिश कर रही है.कश्मीर से धारा 370 को हटाने जैसे फैसले को भी जोड़ा जा रहा है. पुराने विरासत को स्थापित करने की मुहिम से बीजेपी अपने हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के अजेंडे को एक साथ लागू कर सकती है, और इससे उनपर हिंदुत्व की राजनीति करने का आरोप नहीं लगेगा.
हर चुनाव का थीम अलग होता है. हर दल अपने हिसाब से अपने मजबूत पक्ष को नैरेटिव के रूप में स्थापित करना चाहती है. ऐसे मे स्वाभाविक है कि हिंदू नवजागरण को बीजेपी अगले चुनाव में विकास के साथ पेश करेगी. इसमें उनके लिए लाभ ये है कि बदली सूरत में विपक्ष के लिए इसे काउंटर करना आसान नहीं होगा.पिछले दिनों पीएम मोदी ने कहा- आजादी के बाद पहली बार चार धाम प्रोजेक्ट के जरिए, हमारे चारों धाम ऑल वेदर रोड से जुड़ने जा रहे हैं. आजादी के बाद पहली बार करतारपुर साहिब खुला है. आजादी के अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व जैसे पंच प्राण का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि इसलिए आज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है. काशी में विश्वनाथ धाम भारत की संस्कृति का गौरव बढ़ा रहा है. सोमनाथ में विकास लेकर बाबा केदार, बद्रीनाथ तीर्थ क्षेत्र में विकास, उज्जैन इन सबों के विकास को पीएम कई मौकों पर भारत के नए स्वर्णकाल की संज्ञा दे चुके हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि विपक्ष पीएम मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी के अजेंडे को किस तरह काउंटर करेगी? अभी तक जो विपक्षी गठबंधन ने संकेत दिया है कि उसके हिसाब से वह इन मुद्दों को काउंटर करने के बजाय सियासत को अपने हिसाब से अपने पिच पर ले जाने की कोशिश करेगी, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, जाति गणना और मुफ्त की योजनाओं के वादे जैसी चीजें होगी.
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