सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस आगामी विधान सभा चुनाव की तैयारी को लेकर मंगलवार से पटना में बैठक कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि वे विधानसभा चुनाव की तैयारी को गांव-गांव घूमेंगे.पार्टी के कैंप कार्यालय में हुई बैठक में पारस ने कहा कि पार्टी का लक्ष्य सभी 243 सीटों पर संगठन को मजबूत करना है.उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी राज्य में हर राजनीतिक स्थिति और चुनौती का डटकर सामना करेगी.लेकिन वो सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करने की हिम्मत नहीं दिखा पाए .
विधायक कालोनी स्थित पार्टी के कैंप कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारी प्रदेश कार्य समिति प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों की बैठक मंगलवार को पशुपति कुमार पारस की मोजूदगी में हुई.बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि आज की बैठक को हम लोगों ने पार्टी के भविष्य की रणनीति एवं पार्टी के संगठन को सशक्त करने केलिए मुख्य रूप से बुलायी है.पारस ने कहा कि हमारी पार्टी सभी 243 सीटों पर संगठन को मजबूत करने की तैयारी कर रही है. श्री पारस ने कहा कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी राज्य में हर राजनीतिक स्थिति और चुनौती का डटकर सामना करेगी.
बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रिंस राज, राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद चंदन सिंह सहित अन्य नेता मौजूद थे.लेकिन इस बैठक में भाग लेने पहुंचे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज चुनाव को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं दिखे.वो ये कहते नजर आये कि उन्हें कोई जल्दी नहीं है.वो 20 25 क्या 20 49 तक इंतज़ार करने को तैयार हैं.जाहिर है पशुपति पारस अपने जिस घोड़े पर दांव लगाना चाहते हैं वो रेस में उतरने को तैयार ही नहीं है.वो अभी चुनाव पर बात नहीं करना चाहता.
गौरतलब है कि लोक सभा चुनाव में पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली लेकिन फिर भी वो विद्रोह करने या फिर चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जूता पाये.हाजीपुर में भी चुनाव लड़ जाते तो एक सन्देश जाता.उप-चुनाव में भी जिस सीट को वो अपनी पार्टी के जिस नेता सुनील पाण्डेय के लिए मांग रहे थे, वहीं सुनील पाण्डेय बीजेपी के साथ चले गये.उनके बेटे को टिकेट भी मिल गया.लेकिन फिर भी पशुपति पारस विद्रोह नहीं कर पाए.अब विधान सभा चुनाव की चिंता उन्हें सता रही है.लेकिन विधान सभा चुनाव में भी उनकी पार्टी चुनाव लड़ पायेगी इसकी संभावना कम है.
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