City Post Live
NEWS 24x7

 CAA लागू होने से क्या कुछ बदलेगा?

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव : नागरिकता संशोधन कानून देश में लागू हो गया है. यह कानून शुरुआत से ही विवादों में रहा है. इसी वजह से दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के बाद भी अब तक इसे लागू नहीं किया गया था. भारत सरकार ने सोमवार की  रात इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नागरिका संशोधन कानून लागू होने के बाद भारत के पड़ोसी देशों में रह रहे लोगों के लिए भारत की नागरिकता हासिल करना काफी आसान होगा. अब तक भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए शर्तें काफी मुश्किल थीं.

 

इस कानून को लेकर काफी प्रदर्शन और बवाल हुआ है, लेकिन यह मूल रूप से भारत के पड़ोसी देशों के लोगों को नागरिकता देने से जुड़ा कानून है. देश में रह रहे लोग इससे प्रभावित नहीं होंगे.यहां हम बता रहे हैं कि नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद क्या-क्या बदल जाएगा और आम लोगों के जीवन में इसका कितना असर पड़ेगा.नागरिक संशोधन अधिनियम में भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के उन लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है, जिन्हें धर्म के आधार पर परेशान किया गया हो. इस कानून के तहत हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है. इस कानून में मुसलमानों का जिक्र नहीं होने से विवाद होता रहा है. इस वजह से सरकार पर धार्मिक भेदभाव का आरोप भी लगा है.

 

इस कानून को एनआरसी से जोड़कर देखा जा रहा है. इस आधार पर कहा जा रहा है कि एनआरसी के जरिए लोगों से भारतीय नागरिकता छीनी जाएगी और फिर सीएए के जरिए उन्हें फिर से नागरिकता दी जाएगी. इस प्रक्रिया में मुसलमानों को देश से बाहर कर दिया जाएगा. हालांकि, सीएए में पड़ोसी देश के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है.सीएए से फायदा भारत के पड़ोसी देशों में रह रहे लोगों को होगा. पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में जिन लोगों को धर्म के आधार पर परेशान किया जा रहा है. ऐसे लोगों को सीएए के जरिए आसानी से भारत की नागरिकता मिल जाएगी.

 

इस कानून से किसी को सीधा नुकसान नहीं होगा. हालांकि, पड़ोसी देशों से लोग आने पर भारत की आबादी बढ़ेगी. मौजूदा समय में भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. पड़ोसी देशों से लोगों के आने पर देश के संसाधनों पर दबाव बढ़ेगा. इसका असर देश की जनता पर ही पड़ेगा.इस कानून पर धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए हैं. भारतीय संविधान के अनुसार देश में किसी के साथ भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता. हालांकि, इस कानून में मुसलमानों को नागरिकात देने का प्रावधान नहीं है. इस वजह से धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन करने की बात कही जा रही है.

 

सीएए को एनआसरी से जोड़ा जाता रहा है. आलोचकों का मानना है कि सीएए लागू करने के बाद सरकार एनआरसी लागू करेगी. इसके बाद ऐसी स्थिति बनेगी, जिसमें भारत की नागरिकता धर्म के आधार पर तय होगी.आलोचकों को यह भी डर है कि एनआरसी आने के बाद कई लोग भारत से बाहर हो जाएंगे. इनमें से कुछ लोगों को सीएए की तहत नागरिकता दे दी जाएगी, लेकिन जिन लोगों को नागरिकता नहीं मिलेगी और जिनके पास यह भी सबूत नहीं होगा कि वह पहले किस में रहते थे. उनके पास रहने के लिए कोई देश नहीं होगा.

 

इस कानून के जरिए वोटों का ध्रुवीकरण करने की भी आशंका जताई जा रही है. इस कानून के जरिए सत्ताधारी पार्टी बहुसंख्यक मतों को अपने पक्ष में एकत्रित कर सकती है.इस कानून के आने से मुसलमानों को हाशिए पर चले जाने का डर है. इस कानून को लेकर अल्पसंख्यक समुदायर के डर है और इसके लागू होने के बाद उनके अंदर असुरक्षा की भावना बढ़ सकती है.

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.