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BJP नेता संजय मयूख के घर CM नीतीश के जाने का मतलब ?

अमित शाह हों या राजनाथ सिंह, सबके चहेते हैं संजय मयूख, लेकिन सादगी ऐसी की दीवाना बना दे.

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सिटी पोस्ट लाइव : हमेशा लो-प्रोफाइल में रहनेवाले बीजेपी के विधान पार्षद संजय मयूख अचानक चर्चा में आ गये हैं.वी बीजेपी में उनका राजनीतिक कद बहुत तेजी से बढ़ा है.लेकिन उनकी विनम्रता आज भी कायम है.संजय मयुक अचानक चर्चा में इसलिए आ गए हैं क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके घर छठ पूजा का प्रसाद खाने पहुँच गये. नीतीश कुमार का बीजेपी नेता के घर पहुंचने पर कई तरह की अटकलों का बाजार गरम है. इस मुलाकात के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि क्या संजय मयूख के जरिए नीतीश कुमार फिर से कोई राजनीतिक फैसला लेने की तैयारी में हैं. इसके साथ ही यह भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या संजय मयूख इतने पावरफुल नेता हैं कि उनके प्रयास से बिहार की राजनीति में फेरबदल दिख सकता है.

बिहार में फिलहाल जिस तरह का राजनीतिक वातावरण है, ऐसे में मुख्यमंत्री का बीजेपी के नेता के घर छठ का प्रसाद खाने पहुंचना, इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. सत्ता के गलियारे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए के साथ जाने वाले हैं. क्या भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घिरे लालू परिवार की वजह से नीतीश कुमार खुद को महागठबंधन से अलग करना चाहते हैं. बहरहाल इस राजनीतिक कयासबाजी के बीच बीजेपी के एक नेता का कहना है कि अब एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी लगभग असंभव है. बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि एनडीए में जेडीयू की वापसी हो सकती है. लेकिन शर्त यह है कि इस बार मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी का होगा और नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति छोड़ राज्यपाल के तौर पर काम करना होगा.

लेकिन रजनीतिक पंडितों का मानना है कि नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में एक बहुत बड़े बैलेंसिंग फैक्टर हैं.जो जिसके साथ जाते हैं सरकार बन जाती है. उनके वगैर सरकार बनाना न तो बीजेपी के वश में है और ना ही लालू यादव के .ऐसे में नीतीश कुमार अगर फिर से बीजेपी के साथ आना चाहें तो उनकी शर्तों पर भी बीजेपी उन्हें लेने के लिए तैयार हो जायेगी.

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