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पंचायती राज विभाग में 25 हजार करोड़ रुपए का कोई हिसाब नहीं.

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सिटी पोस्ट लाइव : गुरुवार को विधानमंडल में 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए सीएजी (कैग) की रिपोर्ट पेश की गई. कैग की रिपोर्ट में पंचायती राज विभाग द्वारा विभिन्न योजना मद में पंचायती राज संस्थानों को अनुदान मद में दी गई राशि में 25023 करोड़ का हिसाब (उपयोगिता प्रमाणपत्र) नहीं मिलने का खुलासा हुआ है.कैग ने कहा कि पंचायती राज विभाग ने 2007-08 से 2020-21 के विभिन्न मद के तहत पंचायती राज संस्थानों ने मार्च 2022 तक मात्र 17,917.69 करोड़ (42%) का ही उपयोगिता प्रमाणपत्र दिया. जबकि 25023 करोड़ का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं मिला.

रिपोर्ट में 25551 करोड़ का राजकोषीय घाटा दर्ज किया गया है. यह पिछले वर्ष की तुलना में 4276 करोड़ रुपए कम है. वर्ष 2021-22 के दौरान केंद्रीय करों के हिस्से और स्व कर राजस्व में वृद्धि के कारण राजस्व प्राप्ति में 30630 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई.रिपोर्ट के अनुसार, पटना नगर निगम द्वारा स्व निर्धारण योजना के तहत गृह का मूल्यांकन नहीं करने से गृह स्वामी से जुर्माना नहीं वसूलने के कारण एक करोड़ की राजस्व हानि हुई. घर-घर कचरा संग्रहण सेवाएं प्रदान करने के लिए उपभोक्ता शुल्क की वसूली में फेल होने के कारण कम से कम 8.92 करोड़ की राजस्व हानि हुई है.

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