सिटी पोस्ट लाइव : अब ग्रामीण ईलाकों की सड़कें दुरुस्त होनेवाली हैं. बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और पुल निर्माण के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है. इस योजना के तहत लगभग 1000 पुलों का निर्माण किया जाएगा जिसमें से 600 पुल इस वित्तीय वर्ष में 3000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे.इस मसले पर मुंगेर के सांसद राजीव ललन सिंह के साथ लखीसराय जिले की ग्रामीणों की सड़कों की समीक्षा बैठक करने आए थे.इसके तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में पंचवर्षीय रूटीन अनुरक्षण अवधि से बाहर एवं स्वीकृति के लिए लंबित करीब 28,000 किलोमीटर ग्रामीण पथों का पुनर्निर्माण, उन्नयन एवं नवीकरण किए जाने का लक्ष्य है. इस पर लगभग 23,000 करोड रुपये की राशि खर्च की जाएगी.
इस योजना के तहत कार्य प्रमंडल लखीसराय के अधीन 137 ग्रामीण सड़कों का भी चयन किया गया है.इसकी कुल लंबाई 213.68 किलोमीटर है। इस पर करीब 170 करोड़ खर्च होंगे. इसके डीपीआर का निर्माण एप के माध्यम से किया जा रहा है. इस योजना के तहत ग्रामीण पथों को दीर्घकालिक अवधि तक मानक के अनुरूप रखा जाएगा. मंत्री बुधवार को लखीसराय में मीडिया से बात कर रहे थे.वे केंद्रीय पंचायतीराज मंत्री, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं डेयरी मंत्री सह क्षेत्रीय सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के साथ लखीसराय जिले की ग्रामीणों की सड़कों की समीक्षा बैठक करने आए थे.
अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह परिकल्पना है कि राज्य के किसी भी सुदूरवर्ती क्षेत्र से राजधानी पटना अधिकतम पांच घंटे में लोग पहुंच सकें. इसे साकार किया जा रहा है। नई योजना के तहत आगामी मार्च तक सड़कों का चयन पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध संपर्कता के लिए नौ साल बाद मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना फिर से शुरू की गई है.अशोक चौधरी ने कहा कि इस योजना अंतर्गत वर्तमान में लगभग 1000 पुलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है जिसमें इस वित्तीय वर्ष में 3000 करोड़ की राशि से 600 पुलों का निर्माण कराया जाएगा। इसके अंतर्गत 100 मीटर तक की लंबाई के पुल का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग एवं 100 मीटर से अधिक लंबाई वाले पुल का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा कराया जाएगा.