विधानसभा उपचुनाव में दांव पर महागठबंधन की प्रतिष्ठा.
चारों सीटों का समीकरण , दो आरजेडी और एक सीट वाम दल का, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की होगी परीक्षा .
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा की चार सीटों तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज के लिए कभी भी उप-चुनाव का ऐलान हो सकता है.ईन क्षेत्रों के विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के कारण उप-चुनाव होना है. पिछले चुनाव में ये सीटें दोनों गठबंधनों के पाले में गई थीं.इसमें तीन सीट महागठबंधन की है, जबकि एक सीट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की है. अभी चुनाव आयोग की ओर से विधिवत उप चुनाव की घोषणा नहीं हुई लेकिन दोनों गठबंधन की ओर से अंदरखाने चुनावी तैयारी में प्रत्याशी के साथ दल के दिग्गज भी जुटे हैं.
दिलीप जायसवाल के बिहार बीजेपी की बागडोर संभालने के बाद होनेवाला ये पहला चुनाव है. ऐसे में जायसवाल की ये अग्नि परीक्षा होगी. उप चुनाव वाली चार सीटों में दो सीट पर बीजेपी लड़ने की तैयारी कर रही है. भोजपुर (आरा) जिले की तरारी एवं कैमूर जिले की रामगढ़ सीट पर बीजेपी लडेगी. दोनों सीटों पर 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की हार हुई थी.भाकपा माले के उम्मीदवार सुदामा प्रसाद को 2020 के विधानसभा चुनाव में 43.5 प्रतिशत मत मिले थे, जबकि बीजेपी के तरारी से उम्मीदवार कौशल विद्यार्थी तीसरे नंबर पर चले गए थे.अबकी बार बीजेपी सुनील पांडेय पर दांव लगा सकती है.ये देखना दिलचस्प होगा कि बाहुबली सुनील पांडे के सहारे वाम के बढ़ते कदम को बीजेपी रोक पाती है या नहीं.
रामगढ़ आरजेडी की सबसे सुरक्षित सीट है.आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र एवं बक्सर सांसद सुधाकर के भाई अजीत सिंह मैदान में उतर रहे हैं.बीजेपी अभीतक उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है. पूर्व विधायक अशोक सिंह और अभय सिंह दोनों दावेदार हैं. देखना यह है कि किस पर भाजपा अंतिम रूप से भरोसा जताती है.बेलागंज में जेडीयू प्रत्याशी देगा तो इमामगंज से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के परिवार के सदस्य को मैदान में उतराने की तैयारी है.ईन सभी सीटों पर जन-सुराज भी उम्मीदवार उतारनेवाला है.जन-सुराज की ये पहली बड़ी परीक्षा हो सकती है.
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