CM की खामोशी को लेकर अटकलों का बाज़ार गरम.
5 दिन मानसून सत्र..2 बार लाठीचार्ज..फिर भी सीएम, श:हर मोर्चे पर डिप्टी सीएम तेजस्वी को बढ़ाया आगे; जानिए क्या है इसके मायने.
सीएम नीतीश कुमार के खामोशी को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है. मानसून सत्र के समापन के बाद मीडिया ब्रीफिंग के लिए तेजस्वी यादव सामने आए. गुरुवार को विधानसभा मार्च के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज और इसमें एक की मौत के बाद सरकार पर लग रहे आरोपों पर उन्होंने सफाई दी. राजनीति के जानकार कहते हैं कि ऐसा संभवत: पहली मर्तबा हुआ है जब सत्र के दौरान सदन के भीतर और बाहर नीतीश कुमार खामोश रहे हों.ऐसे में ये चर्चा हो रही है क्या नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को अपनी विरासत सौंपने लगे हैं?राजनीति के जानकार नहीं मानते कि फिलहाल नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी नहीं छोड़ने वाले हैं.
ये चर्चा भी हो रही है कि भ्रष्टाचार के मामले पर नीतीश कुमार पहले भी 6 से ज्यादा मंत्रियों का इस्तीफा ले चुके हैं. इस बार वे ऐसा करने में असमर्थ हैं इसलिए भी वे भाजपा के आरोपों पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.राजनीतिक जानकारों के अनुसार तेजस्वी यादव को सत्ता सौंपने पर JDU में टूट हो सकती है.नीतीश कुमार अपनी पार्टी के एक एक विधयाकों-सांसदों से वन टू वन मीटिंग कर चुके हैं.कोई भी तेजस्वी यादव को सत्ता सौंपने के पक्ष में नहीं है.ऐसे में नीतीश कुमार ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे जिससे उनकी पार्टी की सेहत पर कोई प्रतिकूल असर पड़े.
17 और 18 जुलाई को बीजेपी विरोधी दलों की दूसरी बड़ी बैठक कर्नाटक में होनी है. इस दिन विपक्षी दल न केवल बीजेपी के खिलाफ एकजुट होंगे. बल्कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के फॉर्मूले से लेकर गठबंधन की बागडोर किसके हाथ में रहेगी. ये सब तय हो जाएगा. माना जा रहा है कि इस रोज नीतीश कुमार को महागठबंधन में कोई बड़ी भूमिका दी जाएगी. इसके बाद नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए RJD दबाव डाल सकता है.लेकिन जिस तरह से तेजस्वी यादव केस मुकदमे में फंसे हुए हैं, लालू यादव नीतीश कुमार पर ज्यादा दबाव बनाने की हालत में नहीं हैं.लोक सभा चुनाव तक कोई बदलाव नहीं होनेवाला.लोक सभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ही बिहार में कोई सियासी उलटफेर होगा.
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