सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का मिशन ‘खेला होबे’ की नीतीश कुमार ने हवा निकाल दी. रविवार तक जिस मैजिक नंबर के सहारे तेजस्वी यादव खेला करना चाहते थे, उसके करीब भी नहीं पहुंच पाए. उनका खेला बेअसर भी नहीं हुआ. तेजस्वी यादव ने मनोवैज्ञानिक दबाव बना कर एनडीए रणनीतिकारों की भी धड़कन तो तेज कर ही दी थी.ऐसा नहीं कि तेजस्वी यादव के खेला का असर नहीं दिखा. भले वो तख्ता पलट के मैजिक नंबर का जुगाड़ नहीं कर पाये लेकिन नीतीश कुमार के साथ साथ भाजपा शीर्ष नेतृत्व के बनाए चक्रव्यूह को भेद अपनी राजनीतिक कद को तो जरुर बढ़ा लिया.
तेजस्वी की रणनीति के आगे पहलीबार सत्ताधारी दल के नेता दिन रात पसीना बहाते नजर आये. चाहे श्रवण कुमार का भोज हो या विजय चौधरी के यहां हुई विधायकों की बैठक. इन दोनों स्थानों पर विधायकों ने नीतीश कुमार के दंभ को तोड़ डाला. पहले नीतीश कुमार विधायकों के आने के बाद आते थे. मगर इस बार नीतीश कुमार को आपने विधायकों के आने की राह देखनी पड़ी. फिर 7 विधायकों ने बैठक से खुद को अलग रखा और अपने फोन को भी बंद रखा.किसी तरह से सबकी घेराबंदी कर उन्हें पटना लाया गया.
भाजपा के आंतरिक अनुशासन की भी कलई तेजस्वी यादव ने खोल दी. प्रशिक्षण के बहाने ही सही पर भाजपा ने भी अपने विधायकों की बाड़ेबंदी की. बावजूद तेजस्वी यादव के खेला का प्रभाव दिखा. इस प्रशिक्षण से भी तीन विधायकों ने खुद को अलग रखा और अपने नेतृत्व से दूरी बनाए रखी. इनमे रश्मि वर्मा, मिश्री लाल यादव और विनय बिहारी शामिल है. तेजस्वी यादव खेला तो नहीं कर पाए लेकिन पहलीबार सत्ताधारी दल के नेताओं को दहशत में ला दिया.
आखिरकार नीतीश सरकार ने विश्वास मत हाशिल कर लिया.सरकार के पक्ष में 130 वोट पड़े जबकि विपक्ष 112 पर ही सिमट गया.खेला करने के दावे कर दहशत पैदा कर देनेवाले तेजस्वी यादव के साथ ही खेला हो गया.उनके तीन विधायक नीतीश कुमार के साथ खड़े हो गये.
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