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नीतीश के जाने से तेजस्वी यादव को होंगे 5 बड़े फायदे.

लोक सभा चुनाव में RJD का हो सकता है अच्छा प्रदर्शन, नीतीश कुमार को हो सकता है नुकशान.

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सिटी पोस्ट लाइव :: बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए में जाने के बाद से अब सियासी माहौल बदलने लगा है। नीतीश कुमार जहां 12 फरवरी को बहुमत साबित करने की तैयारी में लगे हैं वहीं आरजेडी भी लगातार बैठक कर खेला करने की तैयारी में लगी है. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इससे पहले ही कह दिया था कि बिहार में खेला होगा.दरअसल,आरजेडी (RJD) सरकार बनाने के लिए बहुमत के एकदम नजदीक है, इस वजह से नीतीश कुमार और भाजपा के खेमे में भी अपने विधायकों को बचाने की चुनौती है.

 

 जेडीयू और बीजेपी दोनों अपने विधायकों पर नजर बनाए हुए हैं.कांग्रेस पार्टी अपने विधायकों को बचाने में जुटी है.कांग्रेस के सारे विधयक दिल्ली में हैं.उन्हें विश्वासमत के दिन तक शिमला में रखा जाएगा. बिहार विधानसभा सीटों का गणित समझना जरुरी है.आरजेडी- 79 विधायक,बीजेपी- 78 विधायक,जेडीयू-45,कांग्रेस – 19,लेफ्ट-16,AIMIM – 1,हम पार्टी-4 और एक निर्दलीय विधयक सुमित कुमार सिंह हैं.

 

सबके जेहन में ये सवाल है कि नीतीश  कुमार के बीजेपी के साथ जाने से तेजस्वी यादव को कौन से 5 बड़े फायदे होने वाले हैं.

1.तेजस्वी यादव को अब खुद की छवि को चमकाने का मौका मिलेगा। जबकि, इससे पहले उन्हें किसी भी काम में नीतीश कुमार को भी श्रेय देना होता था.

2.नीतीश कुमार के पाले के मुस्लिम वोटरों को अपनी तरफ खींचने का मौका मिलेगा, क्योंकि, भाजपा के साथ जाने के चलते नीतीश कुमार को अल्पसंख्यक वोटरों का नुकसान हो सकता है.

3.लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर अब माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि इससे पहले जेडीयू की 16 सीटों की डिमांड ने आरजेडी की टेंशन बढ़ा दी थी.

4.तेजस्वी यादव, शिक्षक नियु्क्ति का क्रेडिट लेकर शिक्षकों के परिवार का वोट लेने की कोशिश करेंगे। लोगों को बताएंगे कि हमारे प्रयास से ही 2 लाख से अधिक शिक्षकों को नौकरी दी गई.

5.नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगाकर, भाजपा की तरफ गए यादव वोटरों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश करेंगे.

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