सिटी पोस्ट लाइव : गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी.कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल में बंद बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई को लेकर देश भर में चर्चा हो रही है.बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करनेवालों को जबाब देते हुए कहा कि इसमें कंट्रोवर्सी क्या है? जेल के नियमों में संशोधन करते हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह सहित 27 दोषियों की रिहाई की अनुमति देने को सही ठहराते हुए तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने अपनी सजा पूरी की है और उन्हें कानूनी रूप से रिहा किया जा रहा है. इसमें कहां कुछ गलत है.
RJD ने बीजेपी को बिलकिस बानों केस में रिहा किए गए 11 अभियुक्तों की याद दिलाते हुए कहा कि आनंद मोहन की रिहाई पर सवाल उठाने वाली बीजेपी गर्भवती महिला के साथ दुष्कर्म करने और मासूम बच्ची के साथ परिवार के 11 सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाले अपराधियों का कैसे महिमा मंडन कर चुकी है.इन 11 अभियुक्तों को गुजरात सरकार ने माफी दी.बीजेपी के नेताओं ने जेल गेट पर माला पहनाकर इनका स्वागत किया. इनकी रिहाई के लिए गुजरात सरकार ने 2014 में जेल मैनुअल में किए गए संशोधन को रद्द कर दिया.
आरजेडी प्रवक्ता गगन ने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई पूर्ण रूप से नैसर्गिक और न्यायिक प्रक्रिया के तहत हो रही है. संयोग है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन को भी सरकार के निर्णय का लाभ मिल रहा है. 26 अन्य वैसे कैदियों को रिहाई मिलने जा रही है, जो 14 वर्षों से अधिक समय से जेल में बंद हैं.अपवाद को छोड़ दिया जाए तो सामान्य तौर पर आजीवन कारावास की सजा पाए अधिकांश कैदियों को चौदह वर्ष पूरा करने के बाद मुक्त कर दिया जाता है.विशेष मामले में न्यायालय खुद अपने फैसले में ही मृत्यु पर्यन्त कैद का आदेश देता है. आनंद मोहन की सजा के आदेश में ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है.