City Post Live
NEWS 24x7

तेजस्वी ने दिया भूमि सुधार कानून लाने का संकेत!

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

चंद लोगों के पास ज्यादातर जमीन है. यही लैंड लॉर्ड हैं. जिनकी आबादी ज्यादा है उसके पास जमीन है ही नहीं.-तेजस्वी के इस बयान से  बिहार में भूमि सुधार कानून की आहट सुनाई देने लगी है. बिहार में हुई जाति गणना की उस रिपोर्ट को अभी सामने नहीं लाया गया है, जिसमें यह है कि किस जाति के पास कितनी जमीन है. जब यह आंकड़ा सामने आएगा तो काफी चौंकाने वाला होगा.तेजस्वी यादव ने भूमि सुधार कानून लाने का संकेत भी दे दिया है.

 

बिहार में 16 जून 2006 को डी. बंधोपाध्याय की अध्यक्षता में भूमि सुधार का गठन किया गया था. रिपोर्ट आने के बाद बिहार की राजनीति काफी गर्म हो गई थी. सवर्ण नेताओं ने इसका खूब विरोध किया था. अफसरों ने अंदर खाने से इसका विरोध किया. भाकपा माले ने इसे लागू करने के लिए लंबा आंदोलन चलाया, लेकिन नीतीश सरकार इसे लागू करने का साहस नहीं दिखा पाई.तेजस्वी यादव के इस ताजा बयान से भूमि सुधार आयोग की रिपोर्ट को लागू किये जाने को लेकर तैयारी की आहट मिलने लगी है.

 

लोग आम तौर पर यह समझते हैं कि जिनके पास ज्यादा जमीन है, उनसे लेकर गरीबों को जमीन दे दी जाएगी, यही भूमि सुधार है.  बंधोपाध्याय आयोग की report के अनुसार  जमीन जिनकी है उनकी ही रहेगी, लेकिन बटाईदारों का रजिस्ट्रेशन होगा ताकि सरकार की सुविधाएं उन्हें मिल सके. उत्पादकता बढ़ सके.जमीन के मालिकाना हक को समाप्त करने के लिए बटाईदारी नहीं है. इस बटाईदारी कानून को भी बिहार में लागू नहीं किया जा सका और बटाईदारों की स्थिति तो खराब है ही, अनाज की उत्पादकता भी कम है.

 

ये हकीकत है कि बटाईदारी कानून लागू होने की खबर के बाद ज्यादातर किसानों ने अपनी जमीन उन भुमिहों से वापस ले लिया है ,जो खेती कर अपना परिवार पालते थे.ये कानून लागू भी नहीं हुआ और इसका नुकशान भूमिहीन गरीब मजदुर किसानों को हो गया.अब किसान अपना खेत परती रखने को तैयार हैं लेकिन उसे खेती के लिए किसी भूमिहीन मजदुर किसान को देने को तैयार नहीं हैं.सबसे बड़ा सवाल बीजेपी के साथ रहते जिस भूमि सुधार कानून को नीतीश कुमार लाने की हिम्मत नहीं दिखा पाए, अब RJD के साथ जाने के बाद ये बड़ा कानून बना पायेगें?

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.