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जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट का आज फैसला.

आज:पटना हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती, नीतीश सरकार की प्रतिष्ठा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी.

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सिटी पोस्ट लाइव : आज बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगाए जाने के  पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने संबंधी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. अब इस गणना का होना या ना होना आज के फैसले पर ही टिका हुआ है. सब की नजर आज के फैसले पर रहेगी.एक अगस्त को हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. पिछले साल जातिगत जनगणना का आदेश दिया गया था और बिहार सरकार के अनुसार यह लगभग पूरा भी कर लिया गया है.

 

न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना आज इस मामले की सुनवाई करेंगे. हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए एनजीओ ‘एक सोच एक प्रयास’ की याचिका दायर की है. इसके साथ ही साथ हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एक याचिकाकर्ता नालंदा के रहने वाले अखिलेश कुमार ने अपनी याचिका में दलील दी है कि किसी भी राज्य सरकार को जातीय जनगणना कराने का अधिकार नहीं है.बिहार सरकार ने जो अधिसूचना जारी किया है, वो संवैधानिक नही है. संविधान के अनुसार केवल केंद्र सरकार को जनगणना का अधिकार है. याचिकाकर्ता के वकील वरुण कुमार सिन्हा के दायर याचिका अनुसार के राज्य और केंद्र सरकार के बीच शक्तियों का बंटवारा स्पष्ट है. कौन क्या करेंगे, कौन क्या नहीं करेगा। यह साफ साफ वर्णित है.

 

राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार बिहार सरकार जातीय गणना नहीं, सिर्फ सिर्फ लोगों की आर्थिक स्थिति और उनकी जाति से संबंधित जानकारी लेना चाहती है. इससे उनकी बेहतरी के लिए योजना बनाई जा सके. सरकार उन्हें बेहतर सेवा देने के लिए एक ग्राफ तैयार कर सके.पटना हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य सरकार यह काम नियम संगत है. पूरी तरह से वैध भी. राज्य सरकार चाहे तो गणना करा सकती है. हाई कोर्ट ने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण को ‘वैध’ करार दिया था. बिहार सरकार ने भी इसके लिए 500 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना भी बनाई है.

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