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दल-बदल से RJD-JDU की उड़ गई है नींद.

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सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव के पहले से ही बिहार में नेताओं के दल बदल का सिलसिला तेज हो गया है.JDU  ने आज अपने लोकसभा उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. अनुमान है कि अब  नेताओं के इधर से उधर होने की रफ्तार जोर पकड़ेगी. इधर-उधर की भागाभागी में सर्वाधिक नुकसान जेडीयू को होना तय माना जा रहा है. अभी तक उसके डेढ़ दर्जन से अधिक नेता पाला बदल चुके हैं. नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ कर जब आरजेडी के साथ वर्ष 2022 में सरकार बना ली थी, तब उपेंद्र कुशवाहा से नेताओं के जेडीयू से अलग होने का सिलसिला शुरू हुआ था. मीना सिंह, सुहेली मेहता, शंभुनाथ सिन्हा ने पार्टी छोड़ दी. बेगूसराय के पूर्व सांसद मोनाजिर हसन ने भी पार्टी छोड़ दी.तब JDU छोड़नेवाले नेताओं ने नीतीश कुमार के RJD की गोद में बैठ जाने का आरोप लगाया था.

एक दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी जो  जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव भी थे पार्टी छोड़ दी.अब वो RJD के साथ जा रहे हैं. अभय कुशवाहा और फराज फातमी ने भी जेडीयू से किनारा कर लिया है.RJD  में भी ऐसे नेताओं की कमी नहीं है. कुल मिलाकर ‘उड़ाकू नेताओं’ ने दोनों दलों की परेशानी बढ़ा रखी है.रुपौली से जेडीयू की विधायक बीमा भारती ने भी जेडीयू से इस्तीफा दे दिया है. कई और विधायक जेडीयू छोड़ने का संकेत देते रहे हैं. इनमें विधायक गोपाल मंडल और डा. संजीव का नाम भी शामिल है. गोपाल मंडल भागलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ने को बेचैन हैं. जेडीयू के ही विधायक डा. संजीव भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. नीतीश मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुकी बीमा भारती और संजीव तो विश्वासमत के दौरान ही नीतीश को सबक सिखाना चाहते थे.

जेडीयू से इस्तीफा देते समय बीमा भारती ने आरोप लगाया कि पार्टी में अति पिछड़ों को सम्मान नहीं मिल रहा है. उन्होंने इधर जेडीयू से इस्तीफा दिया और उधर आरजेडी की सदस्यता ले ली. वे पूर्णिया से चुनाव लड़ना चाहती हैं. हालांकि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उन्हें पूर्णिया से मैदान में उतारेंगे या नहीं, इसे लेकर फिलहाल संशय की स्थिति है. इसकी वजह यह है कि अपनी जन अधिकार पर्टी का कांग्रेस में विलय कर पप्पू यादव पूर्णिया से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं. विलय से पहले पप्पू यादव ने लालू प्रसाद यादव और पूर्व डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात भी की थी. उन्होंने पहले से ही पूर्णिया में अपना प्रचार भी शुरू कर दिया है. पूर्णिया में उन्होंने हाल ही एक बड़ी रैली की थी और प्रणाम पूर्णिया अभियान भी शुरू किया था. बदली स्थितियों में माना जा रहा है कि पप्पू यादव को लालू मधेपुरा से चुनाव लड़ने के लिए मना लेंगे और पूर्णिया से बीमा भारती को अपना उम्मीदवार बनाएंगे.लेकिन पप्पू यादव तो जान दे देने और पुरनिया किसी कीमत पर नहीं छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं.

आरजेडी जिस तरह लोगों को पार्टी में लोकसभा टिकट के आश्वासन पर शामिल कराने में जुटी हुई है, उससे कांग्रेस को परेशानी हो रही है. लालू प्रसाद इंडी अलायंस में टिकटों का बंटवारा हुए बिना जिस तरह लोगों को सिंबल बांट रहे हैं, वह इंडी अलायंस में शामिल दलों को परेशान करने वाला है. सीपीआई (एमएल) पांच सीटों की मांग कर रहा है. उसके लिए लालू ने तीन सीटें तय की हैं. माले की पांच सीटों की मांग में सीवान, महाराजगंज और पाटलिपुत्र की भी सीटें हैं. इनमें से कोई भी सीट आरजेडी देने को तैयार नहीं है. कांग्रेस अलग परेशान है. कांग्रेस नेताओं को पता ही नहीं चल रहा कि कौन-सी सीट उसे मिलेगी. अव्वल तो सीटों की संख्या पर पेंच फंसा है, दूसरे जो सीटें वह चाहती है, वे मिल नहीं रहीं.

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