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पाटलिपुत्रा से चुनाव लड़ना चाहते हैं रीतलाल यादव .

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सिटी पोस्ट लाइव : RJD सुप्रीमो लालू यादव की बेटी मिसा भारती की लोक सभा सीट पर आरजेडी के दबंग विधायक रीतलाल यादव की नजर है.इसबार रीतलाल यादव किसी भी कीमत पर  पाटलिपुत्र सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. रीतलाल यादव ने कहा कि ‘आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और बहन मीसा भारती का निर्देश होगा तो हम पाटलिपुत्रा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.उन्होंने कहा कि अगर मीसा भारती का निर्देश नहीं होगा तो हम विरोध नहीं करेंगे और जो भी प्रत्याशी होगा उसकी मदद करेंगे.’

 

रीतलाल यादव दानापुर से आरजेडी के विधायक हैं. इससे पहले वे उच्च सदन यानी बिहार विधान परिषद के भी सदस्य रह चुके हैं. साल भर पहले जब तेजस्वी यादव ने पटना के सगुना मोड़ से महंगाई और बेरोजगारी के सवाल पर प्रतिरोध मार्च निकाला था उस समय रीतलाल यादव ने जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन किया था. सगुना मोड़ पर कई होर्डिंग लगाए गए थे. बड़ी भीड़ भी रीतलाल ने जुटायी थी. पटना में 10 कि.मी तक यह प्रतिरोध मार्च निकला था.

 

पाटलिपुत्रा की सीट का सरोकार राजधानी पटना से है. लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं. दोनों ही बार किसी जमाने में लालू प्रसाद के करीबी रहे रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को चुनाव हराया. रामकृपाल यादव बीजेपी से सांसद हैं. अब इसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा रीतलाल यादव ने जाहिर की है. पाटलिपुत्रा सीट नए परिसीमन में सामने आया था. 2009 में इस सीट पर जब पहली बार चुनाव हुआ तो जेडीयू के रंजन प्रसाद यादव ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को शिकस्त दी थी. रंजन यादव भी कभी लालू के खास हुआ करते थे. 2014 और 2019 में बीजेपी के रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को हराया.

 

मीसा भारती जब 2014 में यहां से चुनाव हारी तो लालू प्रसाद ने आरजेडी से उन्हें राज्यसभा भेज दिया था. I.N.D.I.A. गठबंधन की पार्टी भाकपा माले भी चाहती है कि यह सीट उन्हें चुनाव लड़ने के लिए दी जाए. अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि इस पर आरजेडी लड़ेगी या माले. लेकिन रीतलाल सबसे मजबूत दावेदार हैं. रीतलाल यादव की दबंगई से जुडी सैकड़ों कहानियाँ हैं. बीजेपी नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या के आरोपी हैं. जेल में रहते हुए ही एमएलसी बन गए थे. रीतलाल यादव के खिलाफ अपराधिक वारदातों की लम्बी फेहरिश्त है. चुनाव जीतने के बाद शपथ लेने के बाद रीतलाल ने कहा भी था कि वे बाहुबली थे, हैं और आगे भी रहेंगे. जनप्रतिनिधि बनने के बाद उन्होंने रॉबिनहुड वाली अपनी छवि बनाने की कोशिश की.

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