सिटी पोस्ट लाइव : बक्सर में स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा विश्वामित्र की दुनिया की सबसे उन्च्ची 1008 फीट प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा को लेकर राजनीति तेज हो गई है. बक्सर में बीते दिनों भगवान राम की 1008 फीट ऊंची पराक्रमी मुद्रा में प्रतिमा लगाने की घोषणा की गई थी. इसको लेकर जियो मैपिंग भी कराई गई. जिले में प्रतिमा की स्थापना कब और कहां होगी, इस बात की पुष्टि फिलहाल नहीं है. लेकिन इस बात को लेकर सियासत तेज हो गई है. अब तक गुजरात में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 697 फीट ऊंची विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है.
BJP के पूर्व जिलाध्यक्ष से लेकर अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी है. जदयू ने जहां इसे जुमला बताया है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने राम से पहले बक्सर को विश्वामित्र की धरती बताया.माले विधायक का कहना है कि जो राशि प्रतिमा में खर्च हो रही है, उससे विकास के कई अन्य कार्य हो सकते थे.जदयू नेता संजय सिंह ने कहा कि प्रतिमा स्थापना किए जाने की बात केवल जुमलेबाजी है. जिले में इतनी जमीन नहीं है, जहां इतनी विशाल प्रतिमा स्थापित की जा सके. भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह ने कहा कि राम की प्रतिमा स्थापित होने से पहले महर्षि विश्वामित्र की प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विश्वामित्र नहीं होते तो श्रीराम, श्रीराम नहीं होते.
इधर डुमरांव से माले के विधायक अजीत कुमार सिंह का कहना है कि वह प्रतिमा स्थापना की घोषणा के बाद से ही इस बात का विरोध कर रहे हैं. प्रतिमा की स्थापना कराना किसी सांसद का काम नहीं है. सांसद का जो कर्तव्य है, उसे वह करना चाहिए. प्रतिमा तो पुजारी स्थापित कराते हैं. सांसद को और भी विकास के कार्य करने चाहिए. प्रतिमा स्थापित करने में जितना खर्च हो रहा है, उससे स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों की स्थापना जैसे विकास के कई कार्य किए जा सकते हैं.
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