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जाति आधारित गणना पर बोले PM मोदी.

बोले PM मोदी, विपक्ष जाति के नाम पर समाज को बांटता रहा और आज भी यही पाप जारी.

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सिटी पोस्ट लाइव : जाति आधारित गणना करानेवाला  बिहार देश का पहला राज्य बन गया है. इस गणना के साथ राज्य की जनसंख्या का भी आकलन हो गया.इस जाति जनगणना के सार्वजनिक होने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने विपक्ष को समाज को बांटने वाला करार दिया है.मोदी ने कहा-विपक्ष विकास विरोधी है. वह जाति के नाम पर समाज को बांटता रहा और आज भी यही पाप कर रहा है. इन लोगों को देश ने छह दशक दिए थे. 60 साल कम नहीं होते हैं, अगर नौ साल में इतना काम हो सकता है तो 60 साल में कितना हो सकता था, यह उनकी नाकामी है.वह तब भी गरीबों की भावनाओं से खेलते थे और आज भी वही खेल खेल रहे हैं. वह तब भी भ्रष्टाचार में डूबे रहते थे, आज भी घोर भ्रष्टाचारी हो गए हैं.

 

जातीय जनगणना के अनुसार  सर्वाधिक (36.01 प्रतिशत) जनसंख्या अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है. 27.12 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ पिछड़ा वर्ग दूसरे पायदान पर है. कुल 13 करोड़, सात लाख 25 हजार तीन सौ 10 की जनसंख्या में इन दोनों वर्गों की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत से भी अधिक हो चुकी है. यह संख्या भविष्य की राजनीति के स्वरूप का स्वत: संकेत कर देती है. विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं इसका आभास भी कराने लगी हैं.

 

यह गणना बता रही कि राज्य में जातियों-उप जातियों की संख्या 215 है. इनमें मंगलामुखी भी समाहित हैं. इससे पहले जातियों की गणना के प्रमाणित आंकड़े 1931 के हैं. तब और अब के आंकड़ों में कुछ अंतर आया है. हिंदू सवर्ण अपेक्षाकृत कम हुए हैं, जबकि पिछड़ा वर्ग के साथ अनुसूचित जाति के कुछ समूहों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. कुल जनसंख्या में अभी 15.52 प्रतिशत सवर्ण हैं.

 

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या क्रमश. 19.65 और 01.68 प्रतिशत है. 1931 में पिछड़ा व अत्यंत पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 41.3 प्रतिशत हुआ करती थी. हालांकि, तब बिहार और उड़ीसा (अब ओडिशा) संयुक्त प्रांत थे. अब तो झारखंड भी अलग हो चुका है और इस कारण बिहार में अनुसूचित जनजाति की संख्या में अप्रत्याशित कमी आई है.

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