पटना HC में आज जाति गणना पर सुनवाई.
नीतीश सरकार को हरी झंडी मिलने का इंतजार, हाईकोर्ट ने लगा राखी है जातीय जनगणना पर रोक.
सिटी पोस्ट लाइव : आज पटना हाईकोर्ट में बिहार में जाति आधारित गणना के मामले में सुनवाई होगी. इससे पहले 9 जुलाई को इस मामले में सुनवाई हुई थी.तब राज्य सरकार ने हाई कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी. हालांकि, बिहार में जातीय गणना पर जल्द सुनवाई की मांग को पटना हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था और 3 जुलाई को अगली सुनवाई की तारीख तय की थी. बिहार में 7 जनवरी 2023 से जाति और आर्थिक गणना शुरू की गई थी. पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी तक चला. दूसरा चरण 1 अप्रैल से शुरू हुआ था. इसके पहले चरण में मकान की गिनती हुई. दूसरे चरण में जाति और आर्थिक गणना की गई.
इस बीच पटना हाई कोर्ट ने जातीय गणना और आर्थिक सर्वे को चुनौती देनेवाली एक याचिका पर सुनवाई के बाद पटना हाई कोर्ट ने 4 मई को बिहार में जाति आधारित गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर नीतीश सरकार को झटका दे दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि अब तक जो डेटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए. राज्य सरकार की ओर से जाति आधारित गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली लोकहित याचिकाओं की सुनवाई तीन जुलाई से पहले करने के लिए याचिका दायर की गई थी.
बिहार सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने कहा था कि सुनवाई जल्द हो ताकि जातीय गणना और आर्थिक सर्वेक्षण कराया जा सके। हालांकि, पटना हाई कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया. अब पटना हाई कोर्ट से अनुमति के बाद ही राज्य सरकार जातीय गणना दुबारा करवा सकती है. याचिका में कहा गया था कि जातिगत गणना का कार्य केंद्र सरकार का है. यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. इसके अलावा याचिका में यह भी जोर देकर कहा गया था कि बिहार में हो रहे जातीय गणना लोगों के वैधानिक और संवैधानिक अधिकार का हनन है. इसमें जिस तरह से सवाल पूछे जा रहे हैं उससे लोगों के निजता का भी हनन हो रहा है.
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