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पासवान का उतराधिकारी बेटा नहीं, भाई असली हकदार.

पशुपति पारस ने कहा कि रामचंद्र के वारिस उनके छोटे भाई लक्ष्मण जी थे, न कि लव कुश थे.

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सिटी पोस्ट लाइव :  मंगलवार को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की याद में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें प्रिंस राज, सांसद चंदन सिंह समेत और भी कई लोग शामिल हुए. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने रामविलास पासवान को याद किया और राजनीतिक- सामाजिक क्षेत्र में उनके योगदान को लोगों के बीच बताया.

रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत पर केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने अपना दावा ठोक दिया है. पशुपति पारस ने कहा कि रामचंद्र के वारिस उनके छोटे भाई लक्ष्मण जी थे, न कि लव कुश थे.  इसी तरह रामविलास पासवान के उत्तराधिकारी हम ही हैं. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि चाहे अलौली में विधानसभा चुनाव लड़ने की बात हो या फिर हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात हो या फिर संगठन की बात हो, हर जगह उन्होंने हमें आगे बढ़ाया और कहा कि जितना मुझे तुम पर विश्वास था  उतना किसी पर नहीं.

अपने भतीजे और एलजेपी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पर  निशाना साधते हुए  पारस ने कहा कि इस कार्यक्रम में बीजेपी एमएलसी संजय पासवान और बीजेपी एमएलए ललन कुमार पासवान मौजूद हैं. इन दोनों नेताओं ने पशुपति पारस को ही एलजेपी का असली धड़ा बता कर उन्हें अपने समाज का समर्थन देने का ऐलान किया है. गौरतलब है कि पशुपति पारस और चिराग पासवान दोनों ही अब एनडीए का हिस्सा हैं लेकिन बीजेपी के दो पासवान नेता पशुपति पारस के साथ खड़े होकर उन्हें मजबूत बता  रहे हैं और उनको मजबूत करने की भी बात कर रहे हैं.

इस कार्यक्रम के दौरान एक बार फिर पशुपति पारस ने चिराग पासवान पर निशाना साधा. पारस ने कहा, अब न दल मिलेगा और न ही दिल, Never, Never, Never. उन्होंने साफ शब्दों में चिराग पासवान से किसी तरह के भविष्य में रिश्ते सुधारने की संभावना को असंभव बता दिया.

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