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नीतीश-तेजस्वी सरकार के एक साल पूरे, कैसा रहा 1 साल?

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सिटी पोस्ट लाइव : आज 9 अगस्त को महागठबंधन सरकार के एक साल पुरे हो गये.2022 को आज के दिन ही नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ RJD  और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. नई सरकार बनी तो सीएम नीतीश ने तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बना दिया. पिछले एक साल में इस सरकार को 4 बार फजीहत झेलनी पड़ी है.नई सरकार बनने के बाद से ही तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा होने लगी.RJD  की ओर से दबाव भी बनाया गया. इतना ही नहीं RJD नेताओं ने  नीतीश कुमार को राजनीति से संन्यास लेने और आश्रम में जाने की सलाह तक दे डाली.

नीतीश-तेजस्वी सरकार बनने के बाद राजद के मंत्री और अनंत सिंह के करीबी रहे कार्तिक कुमार का पहले विभाग बदला गया. फिर मंत्री पद से इस्तीफा हुआ। इससे शुरूआती दौर में ही सरकार की काफी भद पिट गई.इसके बाद राजद कोटे के ही मंत्री सुधाकर सिंह ने बागी तेवर दिखाए. उन्होंने नीतीश कुमार के कृषि रोड मैप पर सवाल उठाए. बतौर कृषि मंत्री मुख्यमंत्री को खूब घेरा. विभाग में कई पीत पत्र लिखे.कैबिनेट की बैठक में नीतीश कुमार और सुधाकर सिंह के बीच बहस हुई और आखिरकार सुधाकर सिंह ने कृषि मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.

फिर राजद कोटे के ही शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर विवाद खड़ा कर दिया. महागठबंधन में ही इसको लेकर दो राय बन गई. जदयू ने विरोध करना शुरू कर दिया.सीएम नीतीश कुमार ने आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया तो शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के रूप मे केके पाठक को भेज दिया. फिर केके पाठक और प्रो. चंद्रशेखर के बीच तनातनी बढ़ गई. स्थिति यह हुई कि तीन सप्ताह तक शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर विकास भवन स्थित अपने ऑफिस नहीं आए.अपराध  के मामले में बिहार चर्चा में है. राजधानी पटना में हत्या की घटनाएं बढ़ गई है. हाल के दिनों की बात करें तो पटना में 30 दिनों में 30 हत्याएं हुई हैं. इसके साथ ही 16 लूट और दो डकैती की घटनाएं भी हुई.वाहन चोरी की 421और चेन स्नैचिंग की 14 घटनाएं घटीं. राज्य में बढ़ते क्राइम की वजह से विपक्षी पार्टियों को बोलने का मौका मिल गया है.

शिक्षक नियुक्ति की मांग को लेकर एसटीइटी अभ्यर्थी और राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर नियोजित शिक्षकों ने खूब धरना-प्रदर्शन किया. महागठबंधन में शामिल माले विधायक नियोजित शिक्षकों के साथ खड़े दिखे.इसके साथ ही बीजेपी का भी आंदोलन हुआ, जिसपर लाठीचार्ज किया गया. अब शिक्षकों के इस मुद्दे पर सरकार ने महागठबंधन नेताओं की बैठक बुलाई और समाधान का आश्वासन दिया.आशा कार्यकर्ताओं का धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है. इनके धरना-प्रदर्शन से प्राइमरी लेवल की स्वास्थ्य व्यवस्था लचर हो गई है.

राजस्व और भूमि सुधार विभाग में किया गया 497 अफसरों का ट्रांसफर रद्द किया गया. जून माह में यह ट्रांसफर किया गया था. इस पर काफी विवाद हुआ. सरकार पर सवाल भी उठे.इससे पहले स्वास्थ्य विभाग में 500 कर्मियों का ट्रांसफर भी रद्द किया गया. इससे सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ गए थे.

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