सिटी पोस्ट लाइव : ” आप PM बनें। आप PM थे, आप PM हैं एवं आप PM रहेंगे. हां, मैं सही कह रहा हूं. PM का मतलब समझिए. P-पलटी, M-मार… PM=पलटी मार आप तो समझ ही गए होंगे. आपका भविष्य उज्ज्वल हो यही मेरी कामना है!’ये एक अंश है नीतीश कुमार के कभी सबसे करीबी रहे नेता आरसीपी सिंह का. उन्होंने आगे लिखा है- ‘नीतीश जी आपका दिल्ली प्रवास व्यस्त रहा. कई दलों के नेताओं, उनके परिवार के सदस्यों से आपकी बड़ी ही स्नेहिल मुलाकात रही.प्रेस कांफ्रेंस भी हुआ, फोटो सेशन भी रहा.
गौरतलब है कि नीतीश कुमार पिछले दो दिन से दिल्ली में थे और विपक्षी गोलबंदी की मुहिम में लगे हुए थे. नीतीश के पटना लौटते ही आरसीपी ने हमला कर दिया. आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार को अवसरवादी करार देते हुए कहा है कि वो कुर्सीवाद के लिए कुछ भी कर सकते हैं. आरसीपी सिंह ने एक लंबा चौड़ा ट्वीट किया है. उन्होंने इसमें लिखा है कि ‘वैसे भी आप तो यही चाहते हैं कि आप PM बनें. आप PM थे, आप PM हैं एवं आप PM रहेंगे. नीतीश कुमार के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा है विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा, इसपर अन्य दलों के नेता एवं आप खुद भी असहज दिखे.RJD के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि जितना शीघ्र हो आप PM पद के उम्मीदवार/ विपक्षी एकता के संयोजक या फिर और किसी नाम के बैनर के तहत बिहार से बाहर निकलें और मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने उपमुख्यमंत्री को सौंप दें.। आप क्या करेंगे वो आप ही जानते होंगे.’
आरसीपी सिंह ने आगे लिखा है कि ‘नीतीश बाबू आप मानें या ना मानें विभिन्न दलों के नेता एवं कार्यकर्ता आपको संशय (suspicion) की नजर से देखते हैं. आपकी साख(credibility) समाप्त हो चुकी है और आपकी विश्वसनीयता (reliability) बची ही नहीं. ऐसे में कोई दल कैसे आप पर विश्वास कर देश की बागडोर आपको दे सकता है ? नीतीश बाबू राजनीति में आप काफी अनुभवी हैं पर आप जानते ही हैं कि इस देश में 1977 से लेकर 1999 तक कुल 12 प्रधानमंत्री हुए. मतलब कि 22 वर्षों में 12 प्रधानमंत्री! आश्चर्य मत करिए इनमें भी सर्व श्री मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह ,वीपी सिंह ,देवेगौड़ा जी और गुजराल साहब का कार्यकाल कुल मिलाकर 6 वर्षों और 58 दिनों का रहा. इनमें सबसे छोटा कार्यकाल चौधरी चरण सिंह का 170 दिनों का तथा सबसे लंबा कार्यकाल मोरारजी देसाई जी का 2 वर्षों एवं 126 दिनों का रहा.
RCP ने आगे कहा कि ‘आप लोग कहते हैं कि 20 दल एक साथ आएंगे मतलब कि 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद के विपक्षी दलों के कम से कम 20 उम्मीदवार प्रधानमंत्री बनने के लिए अपने मन में चाह रखेंगे. स्पष्ट है कि 5 वर्षों का कार्यकाल में 20 लोगों की प्रधानमंत्री की दावेदारी. समझ लीजिए कि एक प्रधानमंत्री का कार्यकाल करीब 3 महीने का होगा.इसका देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? आज भारतवर्ष G20 का प्रेसिडेंट है. दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. लोग क्या कहेंगे, इसे समझिए नीतीश बाबू.
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