सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को राजगीर से पटना लौटने के बाद अचानक लालू यादव और तेजस्वी यादव से मिलने उनके आवास दस सर्कुलर रोड पहुंच गए. लगभग आधे घंटे तक बंद कमरे में तीनों नेताओं में मुलाकात हुई. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार जल्द ही अपनी कैबिनेट का विस्तार करने वाले हैं. नीतीश कुमार कैबिनेट विस्तार में किन चेहरों को मौका देंगे इसको लेकर तरह-तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं.
इस मुलाक़ात में क्या बात हुई ये तो सामने नहीं आई लेकिन सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक 22 जुलाई के पहले नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक आरजेडी कोटा से दो मंत्री बन सकते हैं. वहीं कांग्रेस कोटा से भी दो लोगों को मंत्री बनाने की खबर आ रही है.
नई कैबिनेट को लेकर जिन नामों की चर्चा तेज है उसके मुताबिक आरजेडी के भूमिहार कोटा से कार्तिक मास्टर फिर से रिपीट हो सकते हैं .गौरतलब है कि कानूनी मामलों में फंस जाने की वजह से उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था.वो अनंत सिंह के करीबी बताये जाते हैं. कोर्ट से राहत मिलने के बाद फिर से मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा तेज है. पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की जगह दो राजपूत कोटा से नाम की चर्चा तेज है. इनमें पहला नाम डब्लू सिंह और दूसरा चेतन आनंद का है . शिक्षा मंत्री के विभाग को लेकर भी चर्चा का बाजार गर्म है.
मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस कोटा से भी दो मंत्री बनाए जा सकते हैं. जिन नामों की चर्चा है उसके मुताबिक़ ब्राह्मण और राजपूत कोटा से एक-एक लोग नीतीश सरकार में मंत्री बन सकते हैं. राजपूत कोटा से आनंद और ब्राह्मण कोटा से विजय शंकर दुबे का नाम सामने आ रहा है. गौरतलब है कि पटना में महागठबंधन की बैठक के बाद खुद राहुल गांधी ने नीतीश कुमार से पूछ लिया था कि कब मंत्रिमंडल का विस्तार कर रहे हैं. तब नीतीश कुमार ने कहा था कितना बनाना है और तभी से ये कयास तेज हो गए थे. जब बेंगलुरु की बैठक खत्म हुई है तो नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है.
लोकसभा चुनाव के पहले नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार महागठबंधन के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है. कई विधायक मंत्रिमंडल विस्तार पर नज़र टिकाए हुए है. ऐसे में मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से उनकी नाराज़गी भी बढ़ सकती है जिसको संभलना आसान नहीं होगा. सबसे ज़्यादा समस्या आरजेडी और कांग्रेस को हो सकती है. इस समस्या को हल करना महागठबंधन के लिए मुश्किल होगा क्योंकि पहले ही जदयू और कांग्रेस विधायकों को लेकर चर्चा का बाजर गर्म है क्योंकि बीजेपी और उसके सहयोगियों ने दावा कर रखा है की कांग्रेस और जदयू के कई विधायक संपर्क में है.