सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रमुख मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचार को लेकर बड़ा बयान दिया है.उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को ये समझना चाहिए कि दुर्बल रहना अपराध है. व्यवस्थित और संगठित होकर ही आप किसी चीज का मुकाबला कर सकते हैं. अगर आप संगठित नहीं रहते हैं, तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. समाज के सभी वर्गों के बीच सहभागिता पर बल देते हुए संघ प्रमुख ने कहा, वाल्मीकि जयंती केवल वाल्मिकी समाज और वाल्मीकि बस्तियों में ही क्यों मननी चाहिए?
जयंती सबको मनानी चाहिए. सभी को सहभागिता करनी चाहिए. अपने समाज में अनेक जाति वर्ग है जहां अलग-अलग संस्थाएं नेतृत्व करती हैं. समाज के सभी वर्गों में व्यक्तियों और कुटुंबों की मित्रता होनी चाहिए. दरअसल, मोहन भागवत उन्हीं बातों को आगे बढ़ाते हुए दिखे जो हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जैसे नेता लगाता कह रहे हैं. गिरिराज सिंह तो सनातन समाज की सुरक्षा और एकजुटता को लेकर हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकालने जा रहे हैं.
गौरतलब है कि केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने बांग्लादेशी हिंदुओं की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की थी. इसके साथ ही एक बार फिर से देश के सभी मुसलमान को पाकिस्तान भेजने की उनकी टिप्पणी काफी चर्चा में है. मुजफ्फरपुर में नवरात्रि के अवसर पर एक फलाहार कार्यक्रम में गिरिराज सिंह ने मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाने की नसीहत थी. उन्होंने कहा कि अगर सारे मुस्लिम पाकिस्तान चले जाते तो लव जिहाद नहीं होता ना ही हिंदुओं के किसी पर त्योहार पर पत्थरबाजी होती. गिरिराज सिंह ने जाति विशेष बहुल इलाका छोड़कर किशनगंज से चुनाव लड़ने की भी इच्छा जताई.
हिंदुओं को संगठित और सशक्त बनाने के लिए गिरिराज सिंह बिहार के मुस्लिम बहुल (प्रभाव वाले) क्षेत्रों में हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकालने जा रहे हैं.आगामी 18 अक्टूबर को भागलपुर, 19 अक्टूबर को कटिहार, 20 अक्टूबर को पूर्णिया और 21 अक्टूबर को अररिया के साथ 22 अक्टूबर को किशनगंज में पहले चरण की यात्रा करने जा रहे हैं. गिरिराज सिंह कहते हैं, आखिर मेरे दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा, रामनवमी पूजा और हनुमान जयंती पर पत्थरबाजी क्यों होती है. इसलिए हम हिंदुओं को जगाने के लिए आगे जा रहे हैं.
गिरिराज सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में जो हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है वह हिंदुस्तान बर्दाश्त नहीं करेगा. जिस दिन बांग्लादेश में घटना घटी इस दिन से मेरे मन में था कि अब समय आ गया है हिंदुओं को एक करने का, एक होने का. ढाका में हिंदुओं ने अपनी रैली निकाली तब पूरी दुनिया हिंदुओं के पक्ष में बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए आवाज उठाने की कोशिश की. हम इसीलिए संगठित हिंदू, सशक्त हिंदू के उद्देश्य से यात्रा निकाल रहे हैं. बंटोगे तो काटोगे… यही संवाद करने जा रहे हैं.
गिरिराज सिंह ने कहा कि कहानी पीछे नहीं ले जाना चाहता हूं, ले जाना पड़ेगा. 1947 में देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ. उस समय अगर पूर्वजों से गलती हुई, अगर तब सारे मुसलमान को भेज देते तो आज यह स्थिति नहीं होती. पंडित नेहरू और कांग्रेस पार्टी ने सोची समझी साजिश के तहत तुष्टिकरण राजनीति के लिए मुसलमानों को यहां रखा और आज यह स्थिति है कि हमने कभी ताजिया पर एक पत्थर नहीं फेंका, लेकिन हमारे रामनवमी के जुलूस पर पत्थर फेंके जाते हैं. अब बताएं हम रामनवमी का जुलूस कहां निकालें, रावलपिंडी में?
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