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मोदी के हनुमान विभीषण बनने की राह पर?

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सिटी पोस्ट लाइव : चिराग पासवान को लेकर सबके जेहन में दो  बड़े सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब या तो बीजेपी दे सकती है या फिर चिराग पासवान. पहला सवाल तो यही है कि क्या पीएम मोदी के हनुमान विभीषण बनने की राह पर हैं? और दूसरा सवाल ये कि चिराग पासवान को ऐसा लग रहा है कि इस बार के बाद 2029 में NDA की सरकार नहीं बनने वाली, इसीलिए वो अपने सारे रास्ते पहले से ही खोल कर रखना चाहते हैं?

 

2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की सत्ता में वापसी तो हुई है लेकिन वह सहयोगी दलों के भरोसे है. उम्मीद थी कि चिराग पीएम मोदी के हाथ को और मजबूत करेंगे, लेकिन चिराग पासवान तो अलग ही राह पर जाते दिखाई दे रहे हैं. SC/ST वर्गों के अंदर ही आरक्षण का लाभ वंचित लोगों तक पहुँचाने के लिए क्रीमी लेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले का चिराग पासवान ने खुलकर विरोध किया . इंडिया ब्लॉक द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया. केंद्र की NDA सरकार, जिसमें JDU और टीडीपी भी शामिल हैं, ने भी इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.लेकिन  चिराग ने कहा कि क्रीमी लेयर लागू करने से SC/ST समुदाय के पिछड़े वर्गों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा.मांझी ने एक तरह से चिराग को इशारों में ये नसीहत दी कि सहयोगी के उलट चलना गठबंधन धर्म में ‘अधर्म’ करने जैसा है.

 

यूपीएससी की ‘लैटरल एंट्री’ योजना पर चिराग पासवान ने विपक्ष के सुर में ही सुर मिलाया. चिराग पासवान ने भी इस फैसले का विरोध किया. सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा. इतना ही नहीं लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के नेता चिराग पासवान ने पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा कि उनकी पार्टी कई राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ सकती है. पार्टी पहले NDA में गठबंधन की कोशिश करेगी. लेकिन जरूरत पड़ी तो अकेले भी चुनाव लड़ेंगे. चिराग ने झारखंड में 40 सीटों पर दावा ठोंक दिया.

 

चिराग ऐसा व्यवहार कर रहे थे तो देश की बड़ी पार्टी चुप कैसे रहती.लिहाजा बीजेपी ने बिहार सरकार में अपने मंत्री दिलीप जायसवाल को चुपचाप उनके सबसे बड़े दुश्मन यानी चाचा पशुपति पारस के घर रवाना कर दिया.इतना ही नहीं खुद अमित शाह भी पशुपति पारस से मिलते दिखाई दिए.दिलीप जायसवाल और अमित शाह की पशुपति पारस से मुलाकात से ये साफ था कि बीजेपी कहीं न कहीं से ये संदेश देना चाह रही थी कि विकल्प सबके पास होते हैं. शायद इशारों में ये चिराग पासवान के लिए एक चेतावनी थी.राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से ये कहा जाने लगा कि चिराग पासवान की पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है. चिराग पासवान के जीजा और जमुई सांसद अरुण भारती खुद सफाई देने मैदान में उतरे. उन्होंने राजद की जमकर लानत मलामत की. लेकिन वो ये नहीं बता पाए कि चिराग के NDA के उलट स्टैंड की वजह क्या रही?

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