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विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने का नहीं मिला मांझी को न्योता .

विपक्ष की बैठक में मुझे अगर बुलाया जाए तो ठीक है और नहीं बुलाया जाए तो भी कोई बात नहीं है.

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सिटी पोस्ट लाइव : महागठबंधन भी ये मानकर चल रहा है कि जीतन राम मांझी बीजेपी में जानेवाले हैं.शायद इसीलिए 23 जून को होनेवाली  विपक्षी एकता की बैठक में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को आमंत्रित नहीं किया गया है. गुरुवार की शाम HAM (हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात के बाद  कहा कि 23 जून को होने वाली मीटिंग में मुझे अगर बुलाया जाए तो ठीक है और नहीं बुलाया जाए तो भी कोई बात नहीं है.

गुरुवार को बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने पहली बार नए राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात की. यह मुलाकात लगभग 45 मिनट तक चली. राजभवन से बाहर निकलने के बाद मांझी ने कहा कि मैंने राज्यपाल से कई विषयों पर चर्चा की.उन्होंने कहा कि   बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार होना चाहिए. हालांकि, ये  सीएम नीतीश कुमार के अधिकार क्षेत्र का मामला है.

पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होंने  महामहिम को इस बात से अवगत कराया कि बिहार में शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं है. बड़े लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना ज्यादा पसंद करते हैं .गरीब लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं. सरकारी स्कूलों की स्थिति ऐसी है कि जो शिक्षक हाई स्कूल में पढ़ाते हैं, वहीं अपने बच्चे को सरकारी स्कूल नहीं भेजकर प्राइवेट में पढ़ाते हैं.इसमें सुधार की जरूरत है. बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने समान शिक्षा की बात की है. बिहार में समान शिक्षा के लिए आयोग बना, लेकिन वह लागू नहीं हुआ. सीबीएसई के बच्चे ज्यादा नंबर लाकर आगे बढ़ जाते हैं और बिहार के सरकारी स्कूलों के बच्चे पिछड़ जाते हैं.

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